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'हिन्दी आंदोलन' पुणे के सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में कार्यरत सक्रिय संगठन है, जो लगभग डेढ़ दशक से हिन्दी, उर्दू, मराठी व अन्य भाषाओं के साहित्कारों को एक मंच पर लाने का पुनीत कार्य कर रहा है। इकबाल के 'हिन्दी है हम' को संस्था का बोध वाक्य बनाया गया है। प्रतिवर्ष अपने संग्रहणीय वार्षिकांक प्रकाशित करता है। 'हम लोग' 2012 का वार्षिकांक है, जिसमें मात्र पुणे ही नहीं, देश-विदेश के 111 रचनाकारों की विविध विषयों पर रचनाएं (आलेख, कविताएं, ग़ज़ल, संस्मरण, शोध, मराठी कविताएं, कहानियां, व्यंग्य आदि) संकलित हैं। इसका संपादन हिन्दी आंदोलन के संस्थापक श्री संजय भारद्वाज द्वारा किया गया है। यह हिन्दी आंदोलन का प्रथम ई-संस्करण है। इसकी रचनाएं वर्तमान भाषाई, सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं तकनीकी सरोकारों से जुड़ी हुई हैं। यह अंक समर्पित है दामिनी को, जिसकी चिरनिद्रा ने देश को जगा दिया।
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