You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
एक जो लिखी गई है ताजोर्बो के बाद |
इस किताब में मेरी जिंदगी के अहसास, तजुर्बे और हकीक़त को कोरे कागज पर उतारा है | इसमें जिंदगी की हकीक़त, माँ – बाप का प्यार, सियासत और इश्क को बेशुमार है | मुझे चर्बी लिखने की आदत नहीं, मैं अदब लिखता हूँ | मेरी किताबों को हर कोई पढ़ सकता है वैसे मैं इतना लिखता नहीं हूँ | मैं अपनी बात बहुत ही कम अलफ़ाजो में कह देता हूँ | मैं कभी – कभी ही लिखता हूँ और बहुत कम लिखता हूँ | आप मेरी शायरी को अपनी जिंदगी से, आपने माँ-बाप से, अपने बहिन-भाई से, अपने इश्क़ से या सियासत से और अपने किसी एहसास में उतर सकते है |ऐसा बिलकुल नहीं है की मैं अपने इश्क के लिये लिखता हूँ | मैं अपने हर एहसास को अपने इश्क से नवाज़ देता हूँ ताकि आप इसे मेरे अहसास...
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book PAKIZA.