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Sadhana Path (eBook)

ज्ञान की खोज
Type: e-book
Genre: Religion & Spirituality
Language: Hindi
Price: ₹200
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

साधना और उपासना के विविध जिज्ञासा व् मुमुक्षा, जीवन सृजन, जीवन शिक्षा, प्रायोगिक धर्म साधना के बहु आयामों एवम् तंत्रागम की गहराइयों और ज्ञान के विराट अंतरिक्ष की सीमाओं को शब्दों में, प्रतीकों में,और मुद्राओं में, व्यक्त करने का सफल – असफल प्रयास मात्र है I
साधना के जो अभीप्सु हैं I स्वम् की अग्नि परीक्षा से घर, समाज, नीति, और वासनाओं की मुक्ति के लिए चित्त की भूमि तैयार कर रहे हैं I आत्म को पाने की चेष्ठा का मूल्य जो समर्पण कर रहे हैं I उन्हें क्षण भर मनोवैज्ञानिक रूप से आत्म वैक्तित्व को दर्पण में निहारने का आमंत्रण मात्र है यह प्रयास !
आपकी जिज्ञासा और उत्सुकता को जो साधना के जीवन रहस्य जानना चाहते हैं ?
साधना पथ में जो मिटटी के दिए पथ प्रदीप बन अंतर्यात्रा की शान्ति खोज में शून्य और शब्द की नाव गहरे पानी में पैठ कर मानव जन्म दिशा क्रान्ति की संभावनाएं खोज रहे हैं .

About the Author

लेखक का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गावं बिसोख्रर में हुआ I पंतनगर कृषि विश्व विद्ध्यालय से स्नातकीय शिक्षा प्राप्त कर, हरियाणा कृषि विभाग में, कृषि विकास अधिकारी रूप में कार्यरत रह कर, व्यावसायिक जीवन में पदार्पण किया I
वर्ष १९९३ में हिमाचल प्रदेश, श्री ज्वालामुखी में श्री श्री १००८ गुरु श्री महाराज शुक देवानंद नाथ शाम्भव जी से आगमोक्त दीक्षा उपरान्त साधन क्षेत्र में पदार्पण हुआ I
कालान्तर में विश्व वैदिक गुरु श्री श्री महेश योगी के सानिध्य में होलैंड, पोलैंड,जर्मनी, जापान, रूस, अमेरिका आदि पाश्चात्य देशों मे आध्यात्मिक अध्यापक के रूप में भारतीय प्राच्य विद्ध्याओं के अनुसंधान में वृहत भ्रमण रत रहे I
२००१ में गुरु महाराज १००८ श्री श्री शुकदेवानंद नाथ शाम्भव जी की असीम प्रेरणा से अपने बड़े गुरु भ्राता श्री अक्षोभ्यानन्द नाथ शाम्भव जी के तत्वाधान में रमणीधाम, आश्रम स्थल निर्मित किया I रमणीधाम के तत्वाधान में सैकड़ों साधक तंत्राग्म की विवध गूढ़तम साधना पद्यतियों मे प्रेरणा पा रहे हैं I
प्रस्तुत सूत्रवत सीधे ह्रदय स्पर्शी तीखे मीठे शब्द उन साधकों के जीवन प्रकाश हेतु प्रेषित हैं I
जो ज्ञान आनंद और अमृत के प्यासे हैं ..................
आचार्य प्रज्ञानंद नाथ शाम्भव (आचार्य नेहराजी)

Book Details

Publisher: www.palmantra.com
Number of Pages: 47
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

Sadhana Path

Sadhana Path

(5.00 out of 5)

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1 Customer Review

Showing 1 out of 1
Keshav Upadhyay 6 years, 9 months ago

Re: Sadhana Path (eBook)

This book ties together so many New Thought concepts and fills in gaps I never knew existed, a point which cannot be overstated. I wish I had been able to read this book years ago when I started my own journey, but maybe the world and I weren't ready for it until now. All I know is that when I read this work my mind was blown. If you are considering getting this book and are serious about supercharging your Spiritual growth, please do. I am so glad that I did! Again, thank you Acharya nehra ji for not keeping this Treasure of Wisdom to yourself. I can't wait to read your next book to see what gifts it contains for the world!

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