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पारस पत्थर
अत्यंत लोकप्रिय माने जा रहे इस कहानी संग्रह में ६ से १८ वर्ष उम्र तक के बच्चों के लिये हैं, देश की ख्यात पत्रिकाओं में प्रकाशित ‘विधु’ की मुस्कुराती – गुदगुदाती १२ कहानियों का संग्रह। जैसे सत्या एक दैत्य को अपनी मासूमियत से बदल कर देवता बना देती है। इसी प्रकार वैâसे सोन परी पालती है, इंसान के मासूम बच्चे को बेहद प्यार के साथ। खुशी के आंसू में आप पाऐंगे, किशोर अवस्था में उत्पन्न होने वाले प्यार की भावना का मनोवैज्ञानिक रूप और साथ ही आदर्श रूप भी, कि आखिर प्यार होता क्या है? ठीक ऐसी ही कई रोचक कहानियों से सराबोर है, यह कहानी संग्रह। पढ़े और अपनी टिप्पणी देना न भूलें।
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