You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
माइकल वह था, जिससे सब यही उम्मीद करते थे कि वह सबसे खतरनाक हालात में भी शांत बना रहेगा....लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हो गया कि शांत लोगों पर भी नज़र रखनी पड़ती है। जब वह एक लड़की पर आसक्त हो जाता है, जो उसके जुनून को बढ़ा कर, इससे पहले कि वह उसके बारे में अधिक कुछ जान पाता, गायब हो जाती है तो उसकी शक्तियाँ और क्रोध के बगूले नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं। उसके बारे में जितना वह जान पाता है, उसकी आसक्ति एक लत में बदलती चली जाती है। अरोरा अपनी मर्ज़ी के खिलाफ सैमुएल से बंधी हुई थी, जो एक प्राचीन और शक्तिशाली दानव था, जो अब भी उसकी हर हरकत पर नज़र रखता था। अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए उसे अधिकार जताने वाले दानव से एक कदम आगे रहना पड़ेगा। जब वह खुद को अपने प्रेमी की नीलम सी आंखों में डूबा हुआ पाती है, तो उसे जल्दी ही पता चल जाता है कि इस अजनबी के लिए उसका जुनून सैमुअल को सीधे उसके और उस आदमी के पास ले जा रहा है जिस की वह रक्षा करना चाहती है। सैमुअल औरोरा को खुद से बांधे रखने के लिए कुछ भी करने की प्रतिज्ञा करता है। अरोरा को आज्ञाकारिता पर मजबूर करने की धुन में, वह अनजाने में शक्ति की एक ऐसी आग को भड़का देता है जिसके बुझने की कोई उम्मीद नहीं है... एक सूर्य भगवान का सच्चा रोष।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book अभयारण्य.