Description
“आब मान जाउ” अनिलचन्द्र ठाकुरक लिखल एक मैथिली उपन्यास अछि, जे पुरैनियाँ जिलाक सोनपुर गामक जीवंत चित्र प्रस्तुत करैत अछि। एहि उपन्यासमे एक एहन युवतीक सङ्घर्ष-गाथा अङ्कित अछि जे अपन लगनसँ जीवन बदलैत अछि। असङ्ख्य गामक ई कथा कुलीनताक अधःपतनक कथा, संस्कारविहीनताक उद्घाटन आ भविष्यक पिढीकेँ बचएबाक चेतौनी छी। कथा गामक प्राकृतिक सौन्दर्य, पुरान गाछी, धार आ विभिन्न प्रकारक चिड़ै-चुनमुनीक वर्णन करैत अछि। गामक सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश, विभिन्न थान आ धार्मिक उन्मादक चर्चा अछि। गामक समयक संग बदलैत स्थिति, शिक्षा क अभाव, बढ़ैत हिंसा आ जातिवाद सँ वर्गवादक ओर बढ़ैत संघर्षक चित्रण कएल गेल अछि। उपन्यासमे गामक आध्यात्मिक महत्त्व सेहो देखाओल गेल अछि, विशेष रूप सँ बुढ़िया काली मायक कथा आ हुनकर वार्षिक मेला। कुल मिलाकऽ, ई पुस्तक ग्रामीण जीवनक एक समृद्ध चित्र प्रस्तुत करैत अछि, जे परंपरा, परिवर्तन आ गामक लोकक अटूट आत्माक संग मिश्रित अछि।
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अनिलचन्द्र ठाकुर: एक साहित्यिक यात्रा
अनिलचन्द्र ठाकुर (१३ सितम्बर १९५४ - २ नवम्बर २००७) ई. कटिहार जिलाक समेली गामक निवासी एक प्रख्यात लेखक आ साहित्यकार छलाह। हुनका सन् १९८२ मे हिन्दी साहित्य मे स्नातकोत्तर केलन्हि आ तकर बाद अपन साहित्यिक यात्रा प्रारंभ कएलन्हि। साहित्यक प्रति हुनकर गहिर रुचि ओहि समय हुनका मैथिली, अङ्गिका, हिन्दी आ अङ्ग्रेजी भाषामे लेखन करबाक लेल प्रेरित केलक।
सन् १९९३ सँ १९९४ धरि हुनकर हस्तलिखित पत्रिका "सुबह"क संपादन आ प्रकाशन भेल, जे साहित्यक क्षेत्रमे एकटा विशेष पहिचान बना लेने छल। अपन जीवनकालमे ओ कतेको विधामे लिखलाह, जाहिमे उपन्यास, नाटक, कविता आ कहानी शामिल अछि। हुनकर प्रमुख कृतिसभमे मैथिली उपन्यास आब मानि जाउ, अंगिका खंड काव्य कच, हिन्दी नाटक एक और राम, हिन्दी उपन्यास एक घर सड़क पर, अंग्रेजी उपन्यास द पपेट्स आ हिन्दी कहानी संग्रह अनत कहाँ सुख पावै अछि।
आब मानि जाउ उपन्यासमे एकटा युवतीक संघर्ष-गाथा प्रस्तुत कएल गेल अछि, जे अपन लगन आ परिश्रम सँ अपन जीवनकेँ बदलि लैत अछि। ई कथा असंख्य गामक कुलीनताक पतन, संस्कारविहीनताक उद्घाटन आ भविष्यक पीढ़ीक प्रति चेतावनी छी।
अनिलचन्द्र ठाकुर अपन जीवनक अंतिम समयमे ब्रेन ट्यूमर सँ पीड़ित छलाह आ २ नवम्बर २००७ केँ हुनकर निधन भ' गेल। मुदा हुनकर साहित्यिक योगदान आ लेखनी हुनका अमर बना देलक। कोशी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकक अधिकारीक रूपमे काज करैत, ओ साहित्यक प्रति अपन समर्पण आ लगन केँ कखनो कम नहि होमय देलन्हि। हिनकर साहित्य आजुक समाजमे नव विचार आ जागरूकताक स्रोत बनल अछि।
प्रकाशित कृति:
आब मानि जाउ(मैथिली उपन्यास)- पहिने भारती-मंडन पत्रिकामे प्रकाशित भेल, फेर मैलोरंग द्वारा पुस्तकाकार प्रकाशित भेल।
कच( अंगिकाक पहिल खण्ड काव्य,1975)
एक और राम (हिन्दी नाटक,1981)
एक घर सड़क पर (हिन्दी उपन्यास, 1982)
द पपेट्स (अंग्रेजी उपन्यास, 1990)
अनत कहाँ सुख पावै (हिन्दी कहानी संग्रह,2007)
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