'कुछ खुद की कुछ जग की' स्त्री की पीड़ा और जीवन , समय और रिश्तों के अलग अलग रंगों को कविता के माध्यम से कहने का एक प्रयास....
About the Authors
जन्म: २०नवम्बर १९६१ दिल्ली में | शिक्षा : एम. एस-सी , एम. ए (मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज़म) सरकारी विभाग में उपनिदेशक | बचपन से ही कविता, कहानियाँ लिखने का शौक | समय समय पर पत्रिकाओं में प्रकाशन | चित्रकारी में भी विशेष रूचि | संपर्क : १/२१ , सुन्दर विहार …
It is a nice collection on different subjects, specially the pain of women.. The lines" Praja dukhi Raja madhosh hai " in the first poem is the true picture in few words.. Yash
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Re: kuch khud ki kuch jag ki (e-book)
It is a nice collection on different subjects, specially the pain of women.. The lines" Praja dukhi Raja madhosh hai " in the first poem is the true picture in few words.. Yash