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कानपुर की गलियों मे एलएमएल-वेस्पा चलाते चलाते एक दिन खुद को अमेरिका में तेज ट्रैफिक में पाया। अभी तक तेजरफ्ता रही इस जिंदगी में, जो अभी तक गुजरा है, उसमें से जो कुछ खट्टा - मीठा या गुदगुदाता सा है उन रोचक संस्मरणों को दो भागो में विभाजित कर पुस्तक रूप में पेश कर रहा हूँ ।
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