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पुरुषों के रोग -
hastmaithun ke nuksan
हस्तमैथुन, शीघ्रपतन, नपुसंकता, स्वप्नदोष, लिंग रोग, लिंग इ्न्द्री साइज को लम्बा, बडा, मोटा बनाने के तरीके, वीर्य रोग, वीर्य जल्दी गिरना, वीर्य कमी, वीर्य दोष, अण्डकोष के रोग, स्त्री को संतुष्ट करना, अधिक मजे लेना, वीर्य गाढ़ा करना, सेक्स पॉवर बढ़ाना, हस्तमैथुन करने से आये सभी तरह के रोग ठीक करना जैसे तमाम रोगो को घर बैठे ठीक करना सीखे । साथ ही सभी रोग से संबंधित आपके हजारो सवालो के जवाब इस बुक मे दिए गए है ।
हस्तमैथुन (Hastmaithun, Hand Practice, Masturbation)
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प्राकृतिक मैथुन (संभोग क्रिया) स्त्री तथा पुरुष के संयोग से होता है लेकिन जिस क्रिया में लिंग को हाथ से मलकर वीर्यपात कराया जाता है उसे हस्तमैथुन कहते हैं।
हस्तमैथुन से संबंधित भ्रम-
Hastmaithun side effects,Hastmaithun se hani
हस्तमैथुन करने से क्या पुरुष संभोग करने के काबिल नहीं रहता है ?
अधिक हस्तमैथुन करने से क्या पुरुष का वीर्य ज्यादा पतला हो जाता है ?
क्या काफी समय से हस्तमैथुन का आदि पुरुष अपनी स्त्री को आनंद नहीं दे पाता है ?
हस्तमैथुन करने से क्या पुरुष मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस करने लगता है ?
हस्तमैथुन से स्वास्थ्य पर क्या बुरा प्रभाव पढ़ता है?
क्या वीर्यपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
क्या हस्थमैथुन के नुकसान हैं?
क्या हस्तमैथुन करना चाहिए?
क्या हस्तमैथुन करना शरीर के लिए नुकसानदेह होता है?
हस्तमथुन के क्या फायदे व नुकसान हैं?
क्या हस्तमैथुन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?
क्या हस्तमैथुन करना चाहिए?
रोज हस्तमैथुन करने से क्या होगा?
हस्तमैथुन के नुकसान क्या हैं?
प्रतिदिन हस्तमैथून करना कितना घातक हो सकता है?
क्या हस्तमैथुन करना अच्छा है, ज्यादा करने से क्या होता है?
क्या हस्तमैथुन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
हस्तमैथुन करने के फायदे और नुकसान क्या है?
क्या हस्तमैथून सेहत के लिए हानिकारक होता है?
हस्तमैथुन करने से शरीर के अंदर कई प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं जैसे- चेहरे की चमक समाप्त हो जाना, आंखों के नीचे काले गड्डे पड़ जाना, शरीर के विकास का रुक जाना, कमर के अंदर हमेशा दर्द बने रहना, शरीर की कमजोरी, कुछ भी खाने-पीने का मन न करना तथा किसी भी कार्य को करने में जी न लगना आदि लक्षण महसूस होने लगते हैं। कभी-कभी तो हस्तमैथुन करने के कारण बेचैनी, गुस्सा, मानसिक उत्तेजना तथा मन में हीन भावना बढ़ने लगती है।
हीनभावना का पैदा होना -
हस्तमैथुन करने से मन के अंदर हीन भावना पैदा हो जाती है। इस क्रिया को करने के बाद हस्तमैथुन करने वाला यह सोचता है कि वह इस प्रकार की गलती दुबारा कभी नहीं करेगा परन्तु वह पुरुष अपने मन को काबू न रख पाने की वजह से पुनः हस्तमैथुन की क्रिया करने को मजबूर हो जाता है और इस तरह से हीनभावना के शिंकजे में फंस जाता है। इस रोग को एंजाएटी न्यूरोसिस के नाम से भी जाना जाता है।
लगातार हस्तमैथुन करने के क्या नुकसान तथा फायदे है?
हस्तमैथुन करने के क्या फायदे और नुकसान हैं ?
हस्तमैथुन के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं?
हस्तमैथून के क्या फायदे तथा नुकसान हैं?
हस्तमैथुन करने से क्या-क्या फायदे और नुकसान हैं?
हस्तमैथुन से जुड़े फायदे व नुकसान क्या हैं?
हस्तमैथुन करना क्या सेहत के लिए अच्छा है या नहीं?
हस्तमैथुन करने के फायदे और नुकसान क्या है?
क्या हस्तमैथुन करना चाहिए?
हस्तमैथुन करने से क्या समस्या हो सकती है और इसके क्या फायदे हैं?
अत्यधिक हस्तमैथुन स्वास्थ्य को किस तरह से प्रभावित करता है?
हस्तमैथुन करने से क्या होता है?
हस्तमैथुन करने के क्या फायदे और नुकसान हैं?
हस्तमैथुन के फायदे और नुकसान क्या क्या है जिसे हमें जानना चाहिए ?
गुदामैथुन के क्या फायदे हैं?
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के दुष्परिणाम इस प्रकार हैं -
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इस रोग के अंदर पढ़ने में मन न लगना, खाने-पीने का मन न करना, कोई भी कार्य करने का दिल न करना तथा सदा ऐसा मन करना कि किसी भी काम को करने पर असफलता ही हाथ लगेगी, इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति के शरीर में वीर्य की कमी हो जाती है तथा उसका वीर्य पतला हो जाता है।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति को स्वप्नदोष भी हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप रोगी व्यक्ति का स्वास्थ्य गिरने लगता है।
इन गलत आदतों के कारण रोगी को कब्ज की शिकायत भी हो जाती है।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी की संभोग क्रिया करने की शक्ति कम हो जाती है या बिल्कुल समाप्त हो जाती है।
इन गलत आदतों के कारण रोगी व्यक्ति को सर्दी तथा खांसी बराबर होती रहती है।
रोगी व्यक्ति को आंखों से कम दिखाई देने लगता है तथा उसकी आंखों के आस-पास गड्ढे बन जाते हैं।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति की पाचनक्रिया गड़बड़ा जाती है जिसके कारण उसका खाया-पिया शरीर में नहीं लगता है।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी का शरीर दुबला-पतला तथा कमजोर हो जाता है।
रोगी व्यक्ति की याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी के अण्डकोष ढीले होकर नीचे की ओर लटक जाते हैं।
इन गलत आदतों के कारण रोगी के सिर में हर समय दर्द होता रहता है।
रोगी व्यक्ति का लिंग टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति की त्वचा की चमक तथा सौन्दर्य नष्ट हो जाता है।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी उत्साहहीन और जीवन से निराश हो जाता है।
इन आदतों के कारण रोगी व्यक्ति के चेहरे का रंग उड़ा-उड़ा सा हो जाता है तथा गाल पिचक जाते हैं।
हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण रोगी व्यक्ति को और भी कई रोग होने का डर रहता है जैसे- वीर्य में शुक्राणु की कमी, मिर्गी, पागलपन तथा यक्ष्मा (टी.बी.) आदि।
हस्तमैथुन से आयी कमजोरी को कैसे दूर कर सकते हैं?
हस्थमैथुन करने से होने वाले नुकसान क्या-क्या हैं जो कि किसी के साथ घटित हुआ हो?
हस्तमैथुन करने से कैसे रोकें?
अत्यधिक हस्तमैथुन स्वास्थ्य को किस तरह से प्रभावित करता है?
हस्तमथुन के क्या फायदे व नुकसान हैं?
क्या हस्तमैथुन करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है?
हस्तमैथुन करना क्या सेहत के लिए अच्छा है या नहीं?
प्रतिदिन हस्तमैथून करना स्वास्थ्य के लिये कितना फायदेमंद है?
क्या नियमित हस्तमैथुन से कमजोरी आती है?
कौनसी चीज़ें हस्तमैथुन करने के लिए लड़कों को उकसाती हैं?
दिन में एक बार हस्तमैथुन करने का क्या प्रभाव है?
हस्तमैथुन (Masturbation) कितने बार करने से बुरा प्रभाव पड़ सकता है?
दिन में 2 या 3 बार हस्तमैथुन करने के नकारात्मक प्रभाव क्या होंगे?
क्या कम उम्र से अधिक हस्तमैथुन व सेक्स करने से बाद में पिता बनने में समस्या आ सकती है?
मैं हस्तमैथुन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में आये दिन सुनता रहता हूँ. क्या हस्तमैथुन वास्तव में पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
Hastmaithun Ke Nuksan Official Blog
शीघ्रपतन Shighrapatan
जब कोई व्यक्ति किसी स्त्री के साथ यौन सम्बंध नहीं बना पाता या जल्द ही शिथिल हो जाता है तो वह व्यक्ति शीघ्रपतन के रोग से पीड़ित कहलाता है। बिना सन्तुष्टी के संभोग करते हुए अगर वीर्य स्खलन हो जाये तो उसे शीघ्रपतन कहा जाता है।
यह रोग कम उम्र में ही गलत संगत में पड़कर अपने वीर्य को समय से पहले बर्बाद करने से व्यक्ति को हो जाता है।
ऐसे बहुत से लोग हैं जो सेक्स का मजा लेना चाहते हैं लेकिन सेक्स करते समय वह कुछ ही देर में ठंडे हो जाते हैं। ऐसे मामलों में उनके मन में यह बात घर कर जाती है कि उन्हें शीघ्रपतन का रोग है। ऐसे लोग वैसे तो पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं लेकिन दिमागी रूप से बीमार हो जाते हैं। उनके मन में ये विचार भी आने लगते हैं कि अगर मैं संभोगक्रिया के समय अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाता तो वह मुझसे नफरत करने लग सकता है या मुझे छोड़कर जा सकता है।
यह एक ऐसी दिमागी समस्या है जिसके कारण आज लगभग हर वर्ग का व्यक्ति परेशान है। संभोगक्रिया के समय जब पुरुष का वीर्य निकल जाता है तभी उसकी संभोगक्रिया और संतुष्टि का चक्र पूरा हो गया मान लिया जाता है क्योंकि चरम आनंद के साथ ही वीर्य के निकलने का संबंध भी जुड़ा है लेकिन इसके बाद भी पुरुष की अंदर की प्यास नहीं बुझती। इसी वजह से वह अंदर ही अंदर शर्मिंदगी से घुटता रहता है।
शीघ्रपतन रोग के दुष्परिणाम-
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इस रोग से पीड़ित रोगी जल्दी ही उत्तेजना में हो जाता है या उसकी उत्तेजना कम होती है तब भी उसका वीर्यपात हो जाता है।
जब रोगी व्यक्ति पेशाब करते समय जोर लगाता है तो उसका वीर्यपात हो जाता है।
रोगी व्यक्ति का लिंग सुस्त हो जाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी कभी-कभी जब स्त्री को देखते है या कोई नंगी तस्वीरें , ब्लू फिल्में देखते हैं या फिर अश्लील पत्र-पत्रिकाएं पढ़ते हैं तब उनका वीर्यपात हो जाता है।
कामोत्तेजना के समय में रोगी व्यक्ति का वीर्य स्त्री के वीर्य से पहले ही लिंग से निकल जाता है और उसका लिंग सुस्त हो जाता है जिसके कारण मैथुन क्रिया का सुख उसे नहीं मिल पाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी का वीर्य पतला हो जाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी का शरीर दिन प्रतिदिन गिरता जाता है और उसका स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
जब रोगी व्यक्ति अपने शिश्न को स्त्री की योनि के अंदर प्रवेश करता है उसके बाद योनि की गर्मी से शिश्न पर द्रढ़ प्रतिक्रिया होती है जिसके कारण शिश्न से वीर्य जल्दी निकल जाता है।
शीघ्रपतन संबंधित सवाल -
अगर कोई शीघ्रपतन से पीड़ित है, तो विवाहित जीवन का आनंद कैसे ले सकते हैं?
मुझे शीघ्रपतन की समस्या है, क्या इसका कोई इलाज है?
शीघ्रपतन से कैसे निजात पायें?
पुरषों में शीघ्रपतन किन कारणों से होता है?
शीघ्रपतन का सबसे सस्ता और सरल इलाज क्या हो सकता है? क्या सड़क के किनारे बैठने वाले हकीम वास्तव में इसका इलाज कर सकते हैं?
शीघ्रपतन का क्या कारण है?
क्या शीघ्रपतन का कोई इलाज है?
क्या शीघ्रपतन की गारंटी से दवा या कोई घरेलू उपाय हो सकता है?
आयुर्वेद में शीघ्रपतन का क्या इलाज है ?
पुरुषों में कमजोर स्खलन का इलाज कैसे किया जा सकता है?
क्या निल शुक्राणु का कोई 100% दवाई या इलाज है?
क्या आईबीएस का कोई आयुर्वेदिक इलाज है?
क्या महिलाओं और लडकियों में भी शीघ्रपतन की समस्या होती है?
शीघ्रपतन का घरेलू इलाज क्या है?
शीघ्रपतन को सिर्फ 10 दिनों में खत्म करने का रामबाण इलाज़ कौन सा है?
क्या लड़कियों को भी शीघ्रपतन की समस्या होती है?
शीघ्रपतन का सबसे सस्ता और सरल इलाज क्या हो सकता है? क्या सड़क के किनारे बैठने वाले हकीम वास्तव में इसका इलाज कर सकते हैं?
क्या शीघ्रपतन का कोई इलाज नही है?
रोजाना शीघ्रपतन से मुक्ति पाने का अचूक उपाय क्या है?
आयुर्वेद में शीघ्रपतन का क्या इलाज है ?
क्या आयुर्वेद में शीघ्रपतन का इलाज है?
रोजाना शीघ्रपतन से मुक्ति पाने का अचूक उपाय क्या है?
क्या लड़कियों को भी शीघ्रपतन की समस्या होती है?
मुझे शीघ्रपतन की समस्या है, क्या इसका कोई इलाज है?
शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा कैसे पाएं?
शीघ्रपतन क्या है? क्या कुछ उपाय बता सकते हैं?
शीघ्र पतन को कैसे ठीक करें? शीघ्र पतन के कारण और निवारण क्या हैं?
शीघ्र पतन को कैसे ठीक करें ?
गंभीर शीघ्रपतन को कैसे ठीक किया जा सकता है?
शीघ्र पतन का आयुर्वेदिक प्रभावी इलाज बताएं?
शीघ्रपतन से कैसे छुटकारा पा सकते हैं?
शीघ्रपतन से कैसे निजात पायें?
पुरषों में शीघ्रपतन किन कारणों से होता है?
क्या वियाग्रा से शीघ्रपतन पर कुछ फर्क पड़ता है?
शीघ्रपतन को सिर्फ 10 दिनों में खत्म करने का रामबाण इलाज़ कौन सा है?
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अंडकोष के रोग-
इस रोग के हो जाने पर पुरुषों के अंडकोषों में सूजन तथा दर्द होने लगता है। कभी-कभी तो रोगी के अंडकोषों में पानी भर जाता है। यह रोग वृद्धावस्था में अधिक होता है। यह रोग गलत खान-पान तथा अप्राकृतिक तरीके से संभोग करने के कारण भी होता है।
अनैच्छिक वीर्यपात-
अनैच्छिक वीर्यपात अर्थात वीर्य का अपने आप ही निकल जाने का रोग अधिकतर जवान व्यक्तियों को होता है। इस रोग के हो जाने के कारण जब पुरुष स्त्री से संभोग क्रिया नहीं भी करता है तब भी उसका वीर्यपात हो जाता है। इस रोग के कारण रोगी का स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन गिरता चला जाता है।
नपुंसकता (नामर्दी IMPOTENCE) -
जो व्यक्ति यौन संबन्ध नहीं बना पाता या जल्द ही शिथिल हो जाता है वह नपुंसकता का रोगी होता है। यह रोग धातु की कमजोरी तथा अधिक हस्तमैथुन से उत्पन्न होता है।
नपुंसकता के रोग में पुरुष का वीर्य संतान पैदा करने में असमर्थ हो जाता है। उसके वीर्य के अंदर संतान पैदा करने के लिए पूरी पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु नहीं बन पाते।
इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति का लिंग उत्तेजित नहीं होता है जिसके कारण वह सैक्स क्रिया बिल्कुल भी नहीं कर पाता है।
नपुंसकता रोग के कारण संभोग क्रिया के समय पुरुषों के लिंग में कठोरता नहीं आती। अगर कठोरता आ भी जाती है तो कुछ ही समय में लिंग ढीला पड़ जाता है। इस रोग के कारण पुरुष संभोग क्रिया का आनन्द नहीं ले पाता और उसकी खुशी उदासी में बदल जाती है। यह रोग अधिक थकावट, दिमागी बोझ, लम्बी बीमारी, रीढ़ की हड्डी का कोई रोग, थकावट, अधिक शराब का सेवन और कुछ दवाईयों का साइड इफैक्ट के हो जाने के कारण होता है। इस रोग से ग्रस्त पुरुष स्त्री से संभोग करने से कतराता हैं।
इस रोग में रोगी अपनी यह परेशानी किसी दूसरे को नहीं बता पाता या सही उपचार नहीं करा पाता मगर जब वह पत्नी को संभोग के दौरान पूरी सन्तुष्टि नहीं दे पाता तो रोगी की पत्नी को पता चल ही जाता है कि वह नंपुसकता के शिकार हैं। इससे पति-पत्नी के बीच में लड़ाई-झगड़े होते हैं और कई तरह के पारिवारिक मन मुटाव हो जाते हैं बात यहां तक भी बढ़ जाती है कि आखिरी में उन्हें अलग होना पड़ता है।
नंपुसकता के दुष्परिणाम इस प्रकार हैं-
इस रोग से पीड़ित रोगी के लिंग में कठोरता नहीं होती है या संभोग क्रिया के समय में लिंग में कठोरता आ भी जाती है तो संभोग के समय लिंग की कठोरता खत्म हो जाती है।
इस रोग से पीड़ित रोगी में संभोग क्रिया करने की शक्ति नहीं होती है।
नंपुसकता से पीड़ित रोगी का लिंग छोटा हो जाता है जो संभोग क्रिया के काबिल नहीं होता है। रोगी के अण्डकोषों का अस्वाभाविक रूप से छोटा होना या बिल्कुल ही न होना आदि समस्याएं भी रोगी व्यक्ति को हो जाती हैं।
इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति के शरीर के अन्दर दूषित द्रव्य जमा हो जाता है जिसके कारण रोगी व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
इस रोग से पीड़ित रोगी का स्नायुजाल कमजोर तथा प्रजनन अंग कमजोर हो जाता है।
नपुसंकता संबंधित सवाल
जबरदस्त मर्दाना ताकत बडाने के लिए कोनसी दवाइयां ले?
नपुंसकता को सिर्फ 10 दिनों में खत्म करने का रामबाण इलाज़ कौन सा हैं?
40 की उम्र के बाद जबरदस्त मर्दाना ताकत कैसे पाएं?
जबरदस्त मर्दाना ताकत बढ़ाने और नपुंसकता को खत्म करने के लिए कौन सी दवाई लें?
जबरदस्त मर्दाना ताकत बढ़ाने और नपुंसकता को ख़त्म करने के लिए क्या दवाईयां लेना सही है? क्या इनसे फायदा होगा?
कौन सी दवा नपुंसकता और संतानहीनता के लिए रामबाण है?
क्या अंजीर मर्दाना ताकत बढ़ाती है ?
नपुसंकता का उपचार बताये?
नपुसंकता के लिए देशी इलाज क्या है?
जबरदस्त मर्दाना ताकत बढ़ाने और नपुंसकता को ख़त्म करने का रामबाण उपचार क्या है?
मर्दाना ताकत बढ़ाने के घरेलू उपचार क्या है ?
पुरूषों में नपुसंकता को कैसे खत्म किया जा सकता है?
नपुसंकता दूर कर मर्दांगनी वापस पाने के क्या उपाय हैं?
क्या पुरषों में नपुंसकता को खत्म किया जा सकता है?
नपुंसकता को दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं?
नपुंसकता को कैसे कम कर सकते हैं?
नपुंसकता के लक्षण और उसके उपचार क्या हैं?
नपुंसकता प्राकृतिक रूप से कैसे ठीक की जा सकती है?
क्या नपुंसकता को घरेलू उपायों से ठीक क्या जा सकता है?
नपुंसकता का घरेलू असरदार इलाज क्या है
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लिंग दोष/लिंग में कमजोरी
(Defect of the penis)
हमारे भारतवर्ष में यौनशिक्षा का अभाव होने के कारण बहुत से पुरुष सेक्स संबंधों को लेकर हमेशा उलझन में रहते हैं खासकर अपने लिंग के आकार को लेकर। कोई कहता है कि मेरा लिंग छोटा है. कोई कहता है मेरा लिंग मोटा नहीं है. कोई कहता है कि मेरा लिंग लम्बा नही है. कोई कहता है कि मेरा लिंग बहुत टेढ़ा व पतला है. कोई कहता है कि मेरा लिंग बहुत ढीला है सख्त नही होता है और इसकी वजह से वह संभोग क्रिया का पूरी तरह से आनंद भी नही उठा पाता।
लिंग का आकार LIng Size
लिंग का छोटापन
संभोग करने के लिए लिंग का छोटा या बड़ा होना ज्यादा मायने रखता है। कुछ लोग अपने लिंग को छोटा होने पर अपने दिमाग में कुछ हीन भावना बना लेते हैं। इससे वह मानसिक रूप से प्रभावित हो जाते है। ऐसी स्थिति में लिंग बढ़ाना आवश्यक हो जाता है।
भारतीय एवं दूसरे अन्य देशों के खासकर युवा वर्ग अपने लिंग के आकार को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं।इस कारण से वे मानसिक तनाव एवं अत्यंत परेशानी अनुभव करते हैं।वे यह सोचकर ज्यादा तनावग्रस्त रहते हैं कि उनका आगे की शादीशुदा जिंदगी लिंग के छोटेपन की वजह से ख़राब न हो जाये।वास्तव में लिंग की लम्बाई साढ़े तीन इंच की है तो आपकी शादीशुदा जिंदगी पर प्रभाव पड़ेगा । आयुर्वेद के अनुसार मालिश,लेप आदि के द्वारा लिंग के आकार में परिवर्तन लाया जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है।
लिंग का ढीलापन व लिंग का टेढापन
लिंग का टेढ़ापन एक गंभीर बीमारी है,जो एक प्रकार इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण होती है।यह एक प्रकार का संयोजी ऊतक विकार है।यह आमतौर पर मध्यम आयु वर्ग के लोगों में अधिक पाया जाता है;किन्तु उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का सामान्य हिस्सा नहीं है।इस रोग में लिंग के अंदर रेशेदार निशान ऊतक के विकास के कारण होता है,जिसके कारण लिंग का असामान्य वक्रता विकसित हो जाता है।तंतुमय पट्टिका आघात के कारण लिंग के अंदर रक्तस्राव होने के कारण लिंग में टेढ़ापन आ जाता है।वास्तव में तंतुमय दागीय ऊतक हो जाने के कारण लिंग में तनाव होने पर वह टेढ़ा हो जाता है और दर्द होता है।
अत्यधिक हस्तमैथुन करने से लिंग के ऊतकों में चोट लगने,लिंग के अंदर टेढ़े तंतुओं का बनना ।
लिंग का पतलापन
युवाकाल में लिंग के आकार के प्रति चिंता एवं उत्सुकता लगभग हरेक व्यक्ति में होती है।हर व्यक्ति के लिंग की लम्बाई एवं मोटाई आदि में भिन्नता अवश्य होती है;किन्तु अप्राकृतिक यौन क्रिया,अत्यधिक हस्तमैथुन करने के कारण लिंग के स्नायु तंतुओं में फर्क आ जाता है और उसके आकार में परिवर्तन आ जाता है। शारीरिक कुपोषण के कारण भी लिंग का विकास समुचित रूप से नहीं हो पाता है और सामान्य आकार की तुलना में छोटा या पतला रह जाना ही लिंग का पतलापन कहा जाता है। वैसे आयुर्वेद में मालिश,लेप आदि के द्वारा लिंग के आकार में परिवर्तन लाया जा सकता है।
लिंग का गलना
(Decaying of penis)
लिंग संबंधित सवाल
किन आदतों की वजह से छोटा हो जाता है पुरुषों का लिंग?
लिंग को बड़ा कैसे बनायें?
लिंग के नसों में ताकत कैसे लाएं?
पुरुष अपना लिंग कैसे बड़ा कर सकता है?
एक पुरुष के लिए लिंग को बढ़ाना क्यों आवश्यक है?
लिंग बढ़ाने के तरीके क्या हैं?
लिंग का साइज कैसे बढ़ाये?
पुरुषों के लिंग में हड्डी क्यों नहीं होती?
हमारा लिंग छोटा है और समय नहीं बढ़ता है, इसका उपाय क्या है?
पुरुषों के लिंग की लंबाई कितने उम्र तक बढ़ती है?
किन आदतों की वजह से छोटा हो जाता है पुरुषों का लिंग?
लिंग को बड़ा कैसे बनायें?
लिंग के नसों में ताकत कैसे लाएं?
पुरुष अपना लिंग कैसे बड़ा कर सकता है?
एक पुरुष के लिए लिंग को बढ़ाना क्यों आवश्यक है?
लिंग बढ़ाने के तरीके क्या हैं?
लिंग का साइज कैसे बढ़ाये?
पुरुषों के लिंग में हड्डी क्यों नहीं होती?
हमारा लिंग छोटा है और समय नहीं बढ़ता है, इसका उपाय क्या है?
पुरुषों के लिंग की लंबाई कितने उम्र तक बढ़ती है?
क्या लिंग को मोटा किया का सकता है? अगर हाँ तो कैसे?
क्या लिंग के आकार को किसी प्रकार से बढ़ा सकते हैं?
लिंग का कालापन कैसे दूर करें?
लिंग को बढ़ाने के सामान्य उपाय क्या हैं?
लिंग के आकार को कैसे बढ़ाया जा सकता है?
मोटे होने का सबसे अच्छा और आसान उपाय क्या है?
लिंग टेढ़ा हो तो सीधा करने के घरेलू उपाय क्या है?
अगर किसी पुरुष का लिंग छोटा हो तो उसे लिंग बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?
लंम्बाई बढाने के प्राकृतिक उपाय कौन-कौन से हैं?
लिंग को लम्बे समय तक खड़ा रखने के लिए क्या करें ?
मोटा होने के लिए सबसे अच्छा उपाय क्या है ?
लिंग कितना लंबा और मोटा होना चाहिए?
लिंग को मोटा कैसे कर सकते हैं?
लिंग को लंबा और मोटा करने के लिए कौन सी दवाइयों का प्रयोग करें ? सुझाव दीजिये?
पुरुषों का लिंग जब छोटा होता है तो वह वजन में हल्का होता है परंतु जब लिंग बड़ा हो जाता है तो वजन बढ़ जाता है? क्यु और कैसे ?
लिंग टेढ़ा हो तो सीधा करने के घरेलू उपाय क्या है?
अगर किसी पुरुष का लिंग छोटा हो तो उसे लिंग बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?
लंम्बाई बढाने के प्राकृतिक उपाय कौन-कौन से हैं?
लिंग को लम्बे समय तक खड़ा रखने के लिए क्या करें ?
मोटा होने के लिए सबसे अच्छा उपाय क्या है ?
लिंग कितना लंबा और मोटा होना चाहिए?
लिंग को मोटा कैसे कर सकते हैं?
लिंग को लंबा और मोटा करने के लिए कौन सी दवाइयों का प्रयोग करें ? सुझाव दीजिये?
पुरुषों का लिंग जब छोटा होता है तो वह वजन में हल्का होता है परंतु जब लिंग बड़ा हो जाता है तो वजन बढ़ जाता है? क्यु और कैसे ?
क्या हम लिंग को हमेशा हाथ से खींच कर लम्बा कर सकते हैं?
क्या लिंग को मोटा किया का सकता है? अगर हाँ तो कैसे?
क्या लिंग को सच में मोटा और लम्बा किया जा सकता है?
लिंग को लम्बा और मोटा करने का उपाय क्या है?
टेढ़े लिंग को घरेलू उपचार के द्वारा कैसे सीधा, लंबा और मोटा बना सकते हैं?
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वीर्य की कमी/वीर्य रोग
(SEXUAL DEBILITY)
वीर्य की कमी के कई कारण होते है। जैसे हस्तमैथुन, अधिक सहवास, खान-पान में सही देखभाल न करना, स्वप्नदोष, कमजोरी, मानसिक कमजोरी, चिन्ता करना आदि।
वीर्य की कमी के दुष्परिणाम -
हमेशा उदास सा रहना, किसी काम में मन का न लगना, सुस्ती, कमजोरी, अपंगता और मानसिक कमजोरी आदि के लक्षण वीर्य की कमी में देखे गये हैं।
प्रमेह रोग के लक्षणों में ज्यादा स्वप्नदोष होना, पेशाब व मल के साथ धातु (वीर्य) का निकलना, ज्यादा आलसी बना रहना, नींद अधिक आना, काम करने में दिल न लगना, दांत, तालू, जीभ में मैल का ज्यादा जमा होना, हाथ-पैरों में जलन होना, शरीर में चिकनाहट, प्याज अधिक लगना, मुंह का स्वाद मीठा-सा बना रहना आदि पाए जाते हैं।
अन्य वीर्य रोग -
वीर्य पतला होना
पेशाब में वीर्य आना
वीर्य के जल्दी गिरने की समस्या
शुक्राणुओं का खराब होना/शुक्राणुओं की कमी
लिंग स्तभन दोष -
सेक्स के लिए पुरुष के लिंग में पर्याप्त तनाव या कसावट न होना,कम समय तक तनाव या कसावट रहना,बहुमूत्र की शिकायत,समय से पहले स्खलन,सेक्स की इच्छा में कमी,तंत्रिका तंत्र की विकृति,अधूरी यौन क्रिया,अवसाद,चिंता,थकान आदि स्तंभन दोष के प्रमुख लक्षण हैं।
मर्दाना ताकत या पौरुष शक्ति का ह्रास रोग-
मूड ख़राब होना,थकान महसूस करना,एकाग्रता में कमी,याददाश्त कमजोर होना,जल्दी आक्रामक हो जाना,गुस्सा आना,चिड़चिड़ापन,बाल झड़ना,वीर्य की मात्रा कम हो जाना,पसीना अधिक आना,स्तम्भन शक्ति कम हो जाना,चरम सुख प्राप्त करने में कठिनाई,सम्भोग की इच्छा में कमी आदि मर्दाना ताकत या पौरुष शक्ति का ह्रास रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
स्वप्नदोष (Swapandosh NIGHT FALL)
स्वप्नदोष किसे कहते है? रात को सोते समय सपने में वीर्य का निकल जाना ही स्वप्नदोष कहलाता है। स्वप्नदोष को हम नाइटफाल, नाइट डिस्चार्ज या नाकटरनल एमिशन तथा फारसी में हम इसे एहतलाम कहते हैं। जो युवक बचपन में अपने हाथों से वीर्य को निकालते हैं, जिन्हें रात के समय में गंदे-गंदे अश्लील स्वप्न आते हैं।
रात के समय सोते हुए अपने आप या अश्लील स्वप्न देखते हुए वीर्य का निकल जाना ही स्वप्नदोष कहलाता है।
Side effects of nightfall in Hindi
स्वप्नदोष से ग्रस्त रोगी में दिमाग का कमजोर हो जाना, आंखों से कम दिखाई देना, अत्यधिक स्वप्नदोष होने पर अधिक कमजोरी महसूस होना, याददाश्त का कमजोर हो जाना, किसी भी तरह का कार्य करने का मन न करना, वीर्य का जल्दी निकल जाना, कब्ज का बने रहना, अकेले रहने का मन करना, किसी से भी बाते करने का जी न करना, हमेशा सुस्ती महसूस होना, लिंग में कम तनाव पैदा होना तथा शिश्न पर नीली नसें चमकती हुई दिखाई देना, पैरों में हमेशा जलन महसूस होना, अधिक पसीना आना, सिर के बाल उड़ जाना अर्थात गंजापन होना और हमेशा मन में हीन भावना महसूस होना तथा सदा ही शर्मिंदगी होना, चेहरे की चमक खत्म हो जाती है। रात मे सोते समय ही वीर्य निकल जाता है। भूख की कमी, बैचेनी, बुखार, हाथ-पैरों के तलवे में जलन, वीर्य का पतला पन, आलस्य, कमर में दर्द, स्वरभंग, नजर का कमजोर होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
स्वप्नदोष संबंधित सवाल
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सैक्स की कमजोरी-
जब किसी व्यक्ति को सेक्स क्रिया करते समय पूरी तरह से संतुष्टि नहीं मिल पाती या वह अपने साथी को पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाता तो इस रोग को सैक्स की कमजोरी का रोग कहते हैं।
सैक्स मे कमजोरी के रोग में स्त्री से संभोग करते समय स्त्री को पूरी तरह से संतुष्ट न कर पाना, इंद्रियों में कमजोरी आना जैसे लक्षण नज़र आते हैं।
शीरीरिक कमजोरी -
हस्तमैथुन करने से शरीर से बहुत बडी मात्रा में वीर्य बाहर निकल जाने से शरीर मे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाने से शरीर कमजोर हो जाता है जिसके कारण से किसी भी काम को करने मे मन नही लगता । हमेशा आलस्य रहता है, दिमाग को जरुरी पोषक तत्व नही मिलने से नींद नही आती है ।
हमेशा सिरदर्द बने रहना -
आँखो के नीचे काले गहरे बनना -
गालो का अन्दर धँसना -
यादाश्त कमजोर होना -
जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके सिर में हल्का दर्द रहता है, शोर बर्दाश्त नहीं होता है, एकाग्रता नहीं रख पाता है तथा वह किसी भी बात तथा किसी भी चीजों को याद नहीं रख पाता है।
शरीर की कमजोरी, अधिक मात्रा में वीर्य नष्ट होना, अति चंचलता और अधिक कामवासना या संभोग करने के कारण स्मरण शक्ति या याददाश्त कमजोर हो जाती है।
कब्ज
(Kabj Constipation, CONCEPTIONS)
कब्ज रोग होने की असली जड़ भोजन का ठीक प्रकार से न पचना होता है। यदि पेट रोगों का घर होता है तो आंत विषैले तत्वों की उत्पति का स्थान होता है। यह बहुत से रोगों को जन्म देता है जिनमें कब्ज प्रमुख रोग होता है।
शास्त्रों में कहा गया है-
मरणं बिन्दुपातेनजीवनं बिन्दु धारणत्।
अर्थात अधिक वीर्यस्खलन से शरीर की ऊर्जा शक्ति, तेज, ओजस धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं। इससे सभी स्नायुओं में कमजोरी और चिड़चिड़ापन उत्पन्न होता है। वीर्यस्खलन से पाचनक्रिया खराब होती है और जठराग्नि मन्द पड़ जाती है, जिससे भोजन ठीक से पच नहीं पाता और अपचा हुआ पदार्थ मल के रूप में आतों में ही सड़ता रहता है। आतों में मल सड़ने से पेट में गैस पैदा होती है और खून दूषित होता है
अनिद्रा/नींद नही आना
Insomnia
अनिद्रा अर्थात नींद न आने का रोग आज के समय का एक बहुत ही आम रोग है तथा यह रोग नाड़ी तंत्र से सम्बन्धित रोग है। इस रोग से पीड़ित रोगी को बहुत कम नींद आती है। वैसे देखा जाए तो सभी व्यक्तियों को रोजाना 6 से 8 घण्टे की नींद लेना जरूरी होता है क्योंकि नींद के समय ही तनावयुक्त पेशियों व स्नायुओं को आराम मिलता है
इस रोग से पीड़ित रोगी को नींद बहुत ही कम आती है। कभी-कभी तो व्यक्ति को नींद भी नहीं आती है और वह पूरी रात सोते समय इधर-उधर करवट लेता रहता है। कभी-कभी जब व्यक्ति को नींद आ भी जाती है तो उसकी आंख जल्दी ही खुल जाती है तथा दुबारा नींद नहीं आती है। रोगी का शरीर थका-थका सा लगने लगता है। उसका किसी काम को करने में मन नहीं लगता है। इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति की स्मरण शक्ति भी कमजोर पड़ जाती है तथा उसका रक्तचाप सामान्य से अधिक हो जाता है। अनिद्रा रोग के रोगी के चेहरे की स्वाभाविक चमक खो जाती है।
अनिद्रा रोग के कारण रोगी व्यक्ति को अपनी आंखें भारी-भारी सी लगने लगती है तथा वह चिड़चिड़े स्वभाव का हो जाता है। रोगी व्यक्ति में मानसिक, शारीरिक तथा भावनात्मक तनाव की स्थिति हो जाती है। इस रोग से पीड़ित रोगी को और भी कई प्रकार के रोग हो जाते हैं।
अनिद्रा रोग में रोगी के अन्दर विभिन्न लक्षण दिखाई पड़ते हैं जैसे- नींद पूरी न होने पर आंखें लाल व थकी हुई दिखाई देना। शारीरिक सुस्ती, दिन भर थका-थका रहना, किसी काम में मन न लगना, परेशान रहना आदि इस रोग के लक्षण हैं।
मानसिक रोग जैसे - नींद ना आना, थकावट, उदासी, मन का बैचेन रहना, याद्दाश्त कमजोर होना,मानसिक रोग,नींद में बोलना, मानसिक तनाव, पागलपन, पढ़ने में मन न लगना, खाने-पीने का मन न करना, कोई भी कार्य करने का दिल न करना तथा सदा ऐसा मन करना कि किसी भी काम को करने पर असफलता ही हाथ लगेगी ।
मानसिक तनाव (Depration)
अधिक वीर्य नाश से मानसिक तनाव होना स्वाभाविक है रोगी को किसी काम मे दिल नही लगता और वह एकांत पसन्द करता है कई दिनो तक अकेले रहने, नींद नही लेने, अपने वैवाहिक जीवन को लेकर परेशान रहने लगता है इस कारण से रोगी डिप्रेशन मे चला जाता है ।
Acharya Vaidhyanath Shastri के अनुसार -
जब वच्चा बचपन से जवानी की ओर कदम रखता है तो उसे किशोरावस्था कहा जाता है। इस समय उसके शरीर के अन्दर की सारी ग्रंथियां अपना काम करना शुरू कर देती हैं। मतलब यह है कि इस समय उसके शरीर में हार्मोन्स बनना शुरू कर हो जाते हैं। हार्मोन्स बनने से शरीर का कद बढ़ने लगता है, दाढ़ी, मूंछे उगने लगती हैं, आवाज में भारीपन आने लगता है, लिंग का आकार बढ़ जाता है, गुप्तांगों में बाल उगने लगते हैं। यह सारे बदलाव जिस हार्मोन्स के कारण होते हैं उसका नाम गोनाइड्स होता है। इस समय शरीर में एक नई ऊर्जा पैदा होती है जिससे नया जोश पैदा होता है। इस अवस्था में किशोरों में दूसरे लिंग के प्रति आकर्षण पैदा हो जाता है। इस दौरान उनके लिंग में समय-समय पर उतेजना होती रहती है। ये शरीर के स्वाभाविक और प्राकृतिक बदलाव होते हैं।
इसी अवस्था में ही कुछ किशोर संभल जाते है और कुछ बिगड़ जाते है। जिन किशोरों को इस समय अपने अभिभावकों या समाज के द्वारा यौन शिक्षा मिल जाती है ऐसे किशोर ही इस उम्र के पड़ाव को सही तरह से पार कर पाते हैं। दरअसल यह उम्र का बहुत ही नाजुक दौर होता है। इस समय ही किशोरों के जीवन की नींव पड़ती है अब यह किशोरों के हाथ में होता है कि वह इस ऩींव को कमजोर बनाते हैं या मजबूत।
जब किशोरावस्था में शरीर में वीर्य बनना शुऱू होता है तो किशोर के मन में सेक्स संबंधी विचार आने लगते हैं, उसका लिंग बार-बार उत्तेजित होने लगता है और उसे हस्तमैथुन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। बहुत से किशोरों के मन में हस्तमैथुन के बारे में कई तरह के वहम होते हैं क्योंकि बहुत से लोगों ने हस्तमैथुन के बारे में शरीर में कमजोरी आना, याददाश्त कमजोर होना, शरीर में कई रोग लग जाना, नामर्दी आ जाना जैसी मनगढ़ंत बातें फैला रखी हैं। बहुत से चिकित्सकों ने भी इसके बारे में उल्टी-सीधी बातें फैलाकर पैसा कमाने का धंधा खोल रखा है। ऐसे चिकित्सक अपने प्रचार के माध्यम से लोगों के बारे में ऐसी बातें फैलाते हैं कि हस्तमैथुन करने से लिंग की नसें नीली पड़ जाती हैं, लिंग टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है आदि-आदि।
लिंग शरीर का ही एक अंग होता है जिस तरह शरीर के दूसरे अंगों में नसें दिखाई देती हैं उसी तरह अगर लिंग की नसें भी दिखाई दें तो इसमें डरने की कोई बात नहीं है। ऐसे ही लिंग का टेढ़ापन भी कोई समस्या नहीं है क्योंकि पुरुष के दोनों अंडकोषों में एक अंड दूसरे से थोड़ा बड़ा होता है और लिंग इनके ऊपर रहता है। लिंग का झुकाव छोटे अंड की तरफ होता है इसलिए यह टेड़ा होता है। इसलिए हस्तमैथुन से होने वाले नुकसान के बारे में कही जाने वाली बातें सिर्फ मनगढ़ंत हैं। हस्तमैथुन करने के बाद बस किशोरों के मन में पाप, शर्मिंदगी आदि होने लगते हैं।
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*This page last update by AVS Ayurveda at June, 2020.
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