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यहाँ एक विनम्र प्रयास किया जा रहा है हिन्दीभाषी साहित्यरसिकों को उनकी 100 कहानियों से परिचित कराने का। उनकी शुरुआती (1936-1943) 100 कहानियों के हिन्दी अनुवाद को दो श्रेणियों— ‘मुस्कुराती’ एवं ‘मार्मिक’— में बाँटते हुए दो पुस्तकों में प्रस्तुत किया जा रहा है।
प्रसंगवश, बता दिया जाय कि उनकी बहुत-सी कहानियाँ ‘विनेट’ (Vignettes) श्रेणी की होती हैं— पेज भर लम्बी, सरस चुटीली कहानियाँ, जो विस्मय के साथ समाप्त होती हों, जैसे कि एक अच्छा शेर। कहानियों के पात्र वास्तविक जीवन से लिये गये होते हैं।
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