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यह कहानी है, ठाकुर शमशेर सिंह कि हवेली कि जो अचानक चीखना शुरू कर देती है। हवेली में मिलने लगती है एक के बाद एक जानवरों कि वीभत्स लाशे। परेशान होकर शमशेर सिंह कि पोती रूपा जाती है अपने बचपन के दोस्त अर्जुन के पास, जो मुंबई में एक प्राइवेट डिटेक्टिव है। अर्जुन हवेली में आकर इस रहस्य का पता लगाने कि कोशिश करता है, तो सामने आता है एक ऐसा रहस्य जो सबके पैरो के नीचे से ज़मीन निकाल देता है।
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