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अंत: करण के चार अंग हैं - मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार| इन्द्रियों के ऊपर मन, मन के ऊपर बुद्धि, बुद्धि के ऊपर अहंकार और इन सबके ऊपर आत्मा है| आत्मा तो सिर्फ परम आनंद स्वरुप है|इस पुस्तक में अंत: करण का सुन्दर और स्पष्ट वर्णन किया है|
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