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किसी ने निश्चित किया हो कि “मुझे किसीको मारना नहीं हैं” तो भाग्य में कोई मरने नहीं आता। अब स्थूल हिंसा बंद कर दी, लेकिन बुद्धि से मारना, तो उसका बाज़ार खुला ही रहता है। इस पुस्तक में हिंसा और अहिंसा के तमाम रहस्यों से पर्दा हटाया है|
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