You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
सारे आध्यात्मिक शास्त्रों, उपदेशों और क्रियाओं का सार एक ही है –खुद को जानना| जो हम स्वयं हैं वह पूर्ण शुद्ध है, लेकिन ‘मैं कौन हूँ’ की धारणा गलत है। इस पुस्तक में यह गलत धारणा ज्ञानीपुरुष द्वारा दूर की गई है।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book आप्तवाणी-८.