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गुरु को समर्पित होने के बाद पूरी ज़िंदगी उनके प्रति वफादार होकर, उनकी आज्ञा के अनुसार साधना करनी होती है। गुरु, सदगुरु और ज्ञानीपुरुष–तीनों के बिच का एक्ज़ेक्ट स्पष्टीकरण और सच्चे गुरु - शिष्य के लक्षण इस पुस्तक में बताए है|
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