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यूँ तो प्रेम ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत एहसास है । मगर वही प्रेम जब धोखे और झूठ की बली चढ़ जाए तो उस से भयानक किसी अनुभव का अनुमान इंसान लगा ही नहीं सकता । हर इंसान अलग है । हर इंसान की ज़िंदगी और रिश्तो को लेकर सोच अलग है । क्या हो जब कोई किसी ऐसे से प्रेम कर बैठे जिसके लिए वो रिश्ता महज़ एक वक़्त बिताने का ज़रिया हो ? क्या हो जब एक साथी के लिए रिश्ते को निभाने से ज़्यादा अहम जीवन की मौज-मस्ती हो ? क्या हो जब हम किसी ऐसे से प्रेम कर बैठे जिसे कोई भी चीज़ या व्यक्ति कुछ वक़्त बाद बोर कर जाता हो ? ये कुछ वही लोग होते है जो सच्चे प्रेम कर रहे लोगो के सीने में जख्म का कारण बन जाते है ।
इस कहानी के पात्रों का जीवन कई इसी तरह की घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमता है । जिसमे झूठ , धोखा , दर्द और आत्मग्लानि सभी भावनाओं का सटीक मिश्रण देखने को मिलता है । कहानी में कई उतार-चढ़ाव आते है जो पढ़ने वाले को खुद से बांधे रखने में सक्षम है । आज के इस आधुनिक युग में जहाँ आज का युवा रिश्तो की गंभीरता समझ ही नहीं पाता वहाँ ये कहानी कई लोगों की आप-बीती हो सकती है ।
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