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श्रीमद भगवद गीता प्रथम अध्याय (eBook)

एक विवेचना
Type: e-book
Genre: Religion & Spirituality
Language: Hindi
Price: ₹325
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

श्रीमद भगवद गीता की आज के आधुनिक सन्दर्भ में द्वन्द ग्रस्त व्यवसायी (प्रोफेशनल) मानस के लिए प्रस्तुत एक विवेचना।

यह एक कालहीन ग्रन्थ जिसकी रचना अनजाने काल में योगिओं के मध्य उपस्थित आंतरिक स्फुरणा के रूप में हुई। भगवद गीता काल की सीमाओं से पर है अतः इसके मुख्या पत्र प्रत्येक काल में ठीक उसी प्रकार टटोले जा सकते हैं जैसे कभी रहे होंगे। प्रत्येक द्वन्द ग्रस्त मानस एक अर्जुन ही तो है - प्रत्येक दिया प्रेरणा जो अनेक विषयों पर हमारे आंतरिक द्वन्द का निवारण करती है वह कृष्णा ही तो है। योगिक साइकोलॉजी का यह अद्वितीय ग्रन्थ अकाट्य सत्य और सूत्रों को अपने में समेटे हुए है। ध्यान रहे की श्रीमद भगवद गीता केवल पढ़ने की एक पुस्तक नहीं है। यह मनन का स्त्रोत है। जो इस कलहीन अकाट्य सत्य में से ज्ञान को बटोरना चाहते है उन्हें यह जान लेना चाहिए की श्लोक के भावार्थ पर न्यूनतम पंद्रह दिन का मनन आवश्यक है। गीता का जिज्ञासु इस ग्रन्थ को अपने तकिये के निचे रख कर सोये तो उसका इस ज्ञान से सम्बन्ध और गहराता जायेगा। इसका तात्पर्य यह है की इस ज्ञान की निकटता जिज्ञासु को अपने प्रकाश की परिधि में समेटे रखती है। अभी आपके समक्ष इस ग्रन्थ का प्रथम अध्याय की विवेचना प्रस्तुत है। मन है की इस ग्रन्थ के समस्त 18 अध्यायों की विवेचना की जाये। यह ज्ञान मुझे अनेकों समर्थ ऋषिओं द्वारा रचित पुस्तकों एवं उन्ही की द्वारा दिए गए प्रकाश के द्वारा के द्वारा संभव हुई है

About the Author

Teaching Ancient Indian Wisdom & self development since last 20 years. He has conducted more than 700 lectures upon different aspects of Ancient Indian Wisdom.
250 lectures are available in the form of videos, many uploaded on the YouTube channel ‘gospel4learning’. Authored 15 books; among st the most prominent are the detailed interpretation upon first three chapters of Shrimed Bhagwad Gita published in form of three independent books. He has given himself an assignment to interpret and publish all the eighteen chapters of Shrimed Bhagwad Gita within next 5 years, apart from other publications that fall under his envisioned list.

A visiting faculty to several multinational companies. He has touched more than 5000 senior management persons through his ‘Learning Retreats’; generally held at Rishikesh (at the banks of Ganges) The main subjects covered under his lectures & learning retreats are; Relentless Silent Will, Morphing the norm of New age Leadership, Esoteric Dimensions of Communication, Beyond Emotional Intelligence, Karmic learning for Leadership, Extension beyond the reach of Stress, Pure Ego an adhesive for interpersonal bonding...

Book Details

Publisher: dinesh kumar
Number of Pages: 181
Availability: Available for Download (e-book)

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श्रीमद भगवद गीता  प्रथम अध्याय

श्रीमद भगवद गीता प्रथम अध्याय

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