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यह पुस्तक भारतीय युवा वर्ग - 18 से 35 वर्ष के लिए सर्वोत्तम है। क्योंकि समय मूल्यवान है इसलिए यह पुस्तक संक्षिप्त रूप में लिखी गयी है।
सफलता सिर्फ बड़े सपनों या भारी ज्ञान का नतीजा नहीं है — बल्कि रोज़मर्रा की छोटी-छोटी आदतों और सीखे हुए हुनर का संयोजन ही असली चाबी है, जो ज़िन्दगी के हर दरवाज़े को खोल सकती है।
"हुनर और आदतें: ज़िन्दगी की चाबी" एक ऐसा मार्गदर्शक है जो न सिर्फ़ आपको खुद को समझने और निखारने में मदद करता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि आप अपने विचारों, आदतों और कार्यशैली को कैसे इस तरह ढाल सकते हैं कि सफलता सिर्फ मंज़िल न बने — बल्कि जीवन का हिस्सा बन जाए।
इस किताब में आप पाएँगे:
✔️ आदतों की मनोविज्ञानिक समझ
✔️ अपने हुनर को निखारने की व्यवहारिक रणनीतियाँ
✔️ सफलता के पीछे छुपे छोटे लेकिन असरदार बदलाव
✔️ खुद पर यक़ीन करने की असली ताकत
चाहे आप एक विद्यार्थी हों, प्रोफेशनल, या जीवन के किसी मोड़ पर खड़े एक साधारण इंसान — यह किताब आपके लिए है।
अब समय है बदलाव का —खुद को निखारिए, और जीवन को संवारिए।
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