You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
यह पुस्तक मेरे जीवन की उन अनुभूतियों से जन्मी है, जिन्हें शब्दों में बाँधना मेरे लिए आसान नहीं था। “मैं देवी हूँ” लिखना केवल रचना का कार्य नहीं, बल्कि स्वयं को समझने और स्वीकार करने की प्रक्रिया रही है। इन कविताओं में वह नारी बोलती है, जिसने पीड़ा को मौन में सहा, संघर्ष को शक्ति में बदला और अंततः अपने भीतर की देवी को पहचाना।
मैं मानती हूँ कि नारी देवी इसलिए नहीं होती क्योंकि उसे पूजा जाता है, बल्कि इसलिए कि वह हर परिस्थिति में स्वयं को रचने की क्षमता रखती है। इस संग्रह की कविताएँ किसी कल्पना से नहीं, बल्कि जीवन के यथार्थ, टूटन, क्षमा और आत्मज्ञान से उपजी हैं। यदि इन शब्दों के माध्यम से कोई पाठक अपने भीतर की शक्ति, करुणा या साहस को महसूस कर पाए, तो यही मेरी लेखनी की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
यह पुस्तक एक अंत नहीं, बल्कि संवाद की शुरुआत है—नारी से, जीवन से और स्वयं से।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book मैं देवी हूँ (Main Devi Hun).