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(1 Review)

Alsi Mahima (eBook)

A Book by Flax Guru
Type: e-book
Genre: Diet & Health
Language: Hindi
Price: ₹150
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Also Available As

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Description

<strong>This Book is free for a limited period only</strong>
** A Book by Flax Guru **
Flax Guru is researcher & promoter of Flaxseed worldwide. He is bestseller & famous writer in India. In this book he has given latest research and scientific facts about Flax, people are searching for. Flaxseeds is miraculous for heart problems, cholesterol, arthritis, diabetes, depression and many chronic diseases. He also gives miraculous testimonials and recipes including sprouting technique. He shows how Flax is food for body, beauty and brain. Flax is personality development tool.

<strong>शांति की आरोग्य यात्रा – आह से अहा तक (3 महीने में बदला जीवन)</strong>

इस महिला का नाम शांति उम्र 40 वर्ष है। यह डूँगरगंढ, बीकानेर के पास किसी गांव की रहने वाली है। डेढ़ साल पहले इसकी बच्चेदानी में लियोमायोसारकोमा नाम का कैंसर हुआ। बीकानेर के एक अच्छे अस्पताल में इसका आपरेशन और कीमोथैरपी कर दी गई। 6 महिने तक सब कुछ ठीक ठाक रहा, लेकिन उसके बाद स्थिती बिगडने लगी। उसकी कमर में बांई तरफ एक बहुत बड़ा मेटास्टेटिक ट्यूमर हो गया, जिसमें बहुत दर्द रहने लगा, खून की कमी हो गई और हिमोग्लोबिन 6 से नीचे आ गया। कमजोरी, उबकाई, अनिद्रा तथा कई परेशानियां होने लगी। भूख भी नही लगती थी। एलोपैथी से कोई फायदा नही हो रहा था, इसलिए उनकी दवाइयां बंद कर दी गई। कुछ महिने इधर-उधर भटकने के बाद, किसी ने उसे सही राह दिखाई। और तीन महीने पहले वह मुझसे परामर्श लेने आई। वह बहुत कमजोर, सुस्त और निढ़ाल हो चुकी थी, चेहरा पीला पड़ चुका था। वह कुछ बोल भी नहीं पा रही थी, हिमोग्लोबिन 7 ग्राम के आस पास रहा होगा। बांईं तरफ कमर की गांठ में असहनीय दर्द और वेदना थी।
यह पूरा परिवार अशिक्षित था और और ग्रामीण इलाके के एक खेत में रहता था। ये हिंदी भाषा भी नहीं बोल पाते थे। इन्हें बुडविग प्रोटोकोल की पूरी ट्रेनिंग देना हमें बड़ा कठिन काम लग रहा था। फिर भी हमने दिन भर इन्हें बुडविग प्रोटोकोल की ट्रेनिंग दी। मुझे तो लग ही नहीं रहा था कि यह मरीज चार दिन भी बुडविग प्रोटोकोल ले पाएगी। लेकिन डेढ़ महीने बाद उसके भाई का अचानक फोन आया, मुझसे कुछ सवाल पूछे और कहा कि शांति की हालत धीरे धीरे सुधर रही है। यह सब सुनने के बाद भी मुझे कोई खास उम्मीद नहीं थी।
लेकिन जब 25 नवम्बर 2014 को शांति ने मेरे कमरे में कदम रखा तो मैं इसे देखकर स्तभ रह गया। मुझे विशवास नहीं हो पा रहा था कि क्या यह वही महिला है जो तीन महिने पहले मुझे दिखाने आई थी। वह बार-बार मुझसे अपना भाषा मे कुछ कहने व पूछने की कोशिश कर रही थी। वह खुश व प्रसन्न दिखाई दे रही थी। उसका चेहरा चमक उठा था। चेहरे के दाग धब्बे दूर हो चुके थे। चेहरे की लाली और चिकनापन देखते बनता था। उसकी रग-रग से ओमेगा-3 के अणु और ऊर्जावान इलेक्ट्रोन्स टपक रहे थे। उसकी उल्टियां बंद हो चुकी थी, भूख खुल गई थी, दर्द में भी आराम था। उसका हिमोग्लोबिन बढ़ कर 11.5 ग्राम हो चुका था। उसकी बड़ी सारी गांठ 84x78 से कम होकर 46x34 मि.मी. हो चुकी है। उसके लीवर का आकार सामान्य हो गया है। किडनी का स्टोन निकल चुका है। ये सारा चमत्कार बुडबिग प्रोटोकोल का है। अलसी का तेल अपना असर दिखा चुका है। संलग्न रिपोर्ट्स और तस्वीरें सारी कहानी बयां कर रही है। उसकी दोनों तस्वीरों में रात दिन का फर्क है। आज हमारा आत्म विश्वास शिखर को छू रहा है। शांति की आरोग्य यात्रा की खबरें जर्मनी तक पहुँची हैं। सभी दोस्त हमें बधाई दे रहे हैं। फेसबुक पर लाइक्स और कमेंट्स का अंबार लगा है। जर्मनी से विजुवलाइजेशन गुरू क्लॉस पर्टल ने भी बधाई का मेल भेजा है। ये हमारे लिए फक्र की बात है।
हम ऐसा समझते थे कि बुडविग उपचार लेने वाले मरीज को कुछ तो पढ़ा लिखा और समझदार होना जरूरी है। लेकिन शांति ने हमारी इस भ्रांति का हमेशा के लिए चकनाचूर करके रख दिया तोड़ कर रख दिया। जुग जुग जियो शांति...

About the Authors

<strong> परिचय</strong>
नाम – डॉ. ओ. पी. वर्मा
पिता का नाम- श्री प्रभुलाल जी वर्मा
जन्म तिथि -10 अक्टूबर, 1950
पता – वैभव हॉस्पीटल और रिसर्च इन्स्टिट्यूट, 7-बी-43, महावीर नगर तृतीय, कोटा राज.

<strong> शैक्षणिक योग्यता</strong>
सेकण्डरी स्कूल परीक्षा 1966 मल्टीपरपज हायर सेकेण्डरी स्कूल, कोटा राज. से उत्तीर्ण की और बोर्ड में छठी रेंक प्राप्त की।
हायर सेकण्डरी स्कूल परीक्षा 1967 मल्टीपरपज हायर सेकेण्डरी स्कूल, कोटा राज. से उत्तीर्ण की और बोर्ड में दूसरी रेंक प्राप्त की।
एम.बी.बी.एस. मार्च 1973 में आर.एन.टी. मेडीकल कालेज, उदयपुर से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। 1884 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, इंगलैन्ड से एम.आर.एस.एच. की उपाधि प्राप्त की।
राष्ट्रपति से राष्ट्रपति स्काउट पुरुस्कार प्राप्त किया।

<strong> गतिविधिया और विशेष उपलब्धियाँ </strong>
अपने शिक्षण काल में ड्राइंग, पेन्टिंग, फोटोग्राफी, कविताएँ, लेखन आदि में निरंतर पुरूस्कार प्राप्त किये।
मै हमेशा अपनी क्लास, स्कूल, कालेज और बोर्ड में पढाई में सबसे अव्वल ही रहा और हमेशा पुरुस्कार प्राप्त किये।
मार्च 1976 से अक्टूबर 2010 तक राजकीय सेवा में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्य किया।
1976 में प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, अटरू के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी के पद पर कार्य किया। परिवार नियोजन में बहुत कार्य किया। पूरे कोटा जिला में सबसे ज्यादा पुरूष और महिला नसबंदी में आपरेशन किये और पुरुस्कार प्राप्त किया।
2005 में राजस्थान प्रदेश के Good Governance Program में ट्यूटर के पद पर कार्य किया जो पूरे वर्ष भर चला औप पुरुस्कार प्राप्त किया।

<strong> अलसी चेतना यात्रा</strong> नामक संस्था की स्थापना की। पिछले पांच वर्षो से आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक, चमत्कारी और दिव्य भोजन अलसी की जागरूकता के लिए कार्य कर रहा हूँ। कई वर्कशाप और सेमीनार आयोजित किये। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में अलसी और अन्य विषयों पर लेख प्रकाशित हुए। रेडियो व टेलीविजन पर कार्य कर प्रस्तुत किये।
संस्था की ओर से मुफ्त वितरण हेतु अलसी महिमा नामक पुस्तक प्रकाशित की।
2010 में अंत में अलसी का अलख जगाने के उदेश्य से अलसी-रथ द्वारा चेतना-यात्राएं निकाली, जिनमें राजस्थान और मध्य प्रदेश में सभी बड़े-बड़े शहरों में प्रोग्राम, सेमीनार और पत्रकार वार्ताएं आयोजित की। इन यात्राओं हमने 7000 किलोमीटर का सफर अलसी-रथ पर किया।
सन् 1981 से 1993 तक विदेश में रहा। लीबिया और ब्रिटेन में कार्य किया और यूरोप, माल्टा, मिस्र, पाकिस्तान, कुवैत और दुबई की यात्राएं की।
<strong> संस्था के उद्देश्य</strong>
अलसी के बारे में जागरूकता लाने के अलावा हमारी संस्था के अन्य उद्देश्य हैं।
जैविक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, उपयोग को प्रोत्साहन देना और लोगों को जैविक खाद्य पदार्थों के लाभ समझाना।
खाद्य पदार्थों में मिलावट, जो आज की सबसे गंभीर समस्या है, के बारे में लोगों को जानकारी देना। मिलावट रोकने के लिए सम्बंधित विभागों से सामंजस्य रखते हुए कार्यवाही करना।
अलसी के तेल, पनीर, तथा कैंसर रोधी फल व सब्जियों से विकसित किया हुआ डॉ. बुडविज आहार-विहार कैंसर के रोगियों को उपलब्ध करवाने हेतु पूरे भारत में बुडविज प्रोटोकोल कैंद्रों का निर्माण करना।
कोटा में देश-विदेश के रोगियों को उच्च स्तरीय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु विशाल हर्बल पार्क विकसित करना।

Book Details

Number of Pages: 128
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

Alsi Mahima

Alsi Mahima

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1 Customer Review

Showing 1 out of 1
Dr_jonathan 9 years, 11 months ago

A book which shows the path to solve health problems

Flaxguru is unparallel and genius. He is a prolific and a versatile doctor. He treats from flaxseed since seven years and has cured several patients using it. I had arranged his workshop at Udaipur and have myself experienced it’s worth.

Flaxseed contains omega-3 as Dr Budwig has already proved. Dr Verma has studied over hundred research papers about flaxseed from various medical journals and then has written this book. He has a long experience of treating patients with different ailments. Many testimonials are there.

It has scientific details and vivid graphic so that even a layman can enjoy it. The language of the book is very easy and comprehensive for all. The pages are eye –catcher and attractive.

Flaxguru is not only a great doctor,but also a great humanitarian.

Dr. Jonathan

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