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baith pyar ke pankhon par (eBook)

kavita sangrah
Type: e-book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹150
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

डॉ सैम बंसल का प्रस्तुत कविता संग्रह भौतिक जगत में 'अनुभूति' एवं 'प्रेम' की अवधारणा को कविता के माध्यम से पुनः स्थापित करता है.जीवन की आपाधापी में जो प्रेम बहुत पीछे छूट गया था, उसे पुनः संजोने की एक सार्थक कोशिश इस संकलन में निहित है. स्वयं लेखक का यह मानना है की जीवन संजोने और आजीविका की दौड़ में हम मंजिलें तो पा लेते हैं पर प्रेम का अंकुर पल्लवन के लिए तृषित ही रहता है. ऐसे मैं इन कविताओं में हम अपने प्रेम के अंकुर को शब्दों के माध्यम से पल्लवित-पुष्पित होते देख पाते हैं. सभी रचनाओं में लेखक की नवीन द्रष्टि और प्रेम की गहराई का परिचय मिलता है. छायावाद जैसी कोमलकांत पदावली और प्रकृति का आलंबन उनकी रचनाओं की विशिष्टता है. 'बैठ प्यार के पंखो पर' निश्चय ही सुधी पाठकों को एक नवीन भावबोध के संसार से परिचित करवाएगी. मन के किसी कोने में प्यार...

About the Author

मैं बी.ई और ऍम.ई. केमीकल इंजीनियरिंग में और पी.एच. डी. नॉन लीनीअर ओप्तोमैज़ेशन में हूँ. और मेरी दक्षता ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग में है. मैंने एक सौ से जयादा अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में पेपर्स लिखे हैं और कई किताबें भी टेक्नोलोजी मैनेजमेंट में जो जॉन वाइली द्वारा छापी गई हैं. परन्तु साहित्य और खास तौर से कविताओं का लिखना मेरा खास शौक रहा है. इसे पढ़ाई और कार्यकाल के दोरान मैंने दबा के रखा पर आखिर कब तक ऐसा होता रहता? अंत में साहित्य और कविता का पलड़ा भरी रहा और यह संकलन तैयार हो ही गया. आशा है आप सभी को इसे पढ़ कर उतना ही आनंद आयेगा जो मुझे इसे लिखते समय और जब जब भी इसे पढ़ता हूँ तो आता है. मेरे से आप विचारों का आदान प्रदान drsambansal@gmail.com पर कर सकते हैं.

Book Details

ISBN: 9789381005590
Publisher: Dr Sam Bansal
Number of Pages: 140
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

baith pyar ke pankhon par

baith pyar ke pankhon par

(5.00 out of 5)

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3 Customer Reviews

Showing 3 out of 3
drsambansal 12 years, 4 months ago

Re: baith pyar ke pankhon par (e-book)

एक "कल रात मैं कितना रोया"
कविता मैंने " बैठ प्यार के पंखों " वाली कविता संग्रह में से पढ़ीं. मुझे लगा की मेरे जीवन में एक बार मैंने जो कुछ...

Geeta Garg 12 years, 6 months ago

Review: baith pyar ke pankhon par (e-book) by Dr Sam Bansal

For many years I have had the privilege of hearing Dr Satyan “Sam” Bansal recite his own poems at social gatherings. That is, of course, the best, the headiest rendering...

Neelam Chaudhri 12 years, 6 months ago

Re: baith pyar ke pankhon par (e-book)

Hi Satyan,
I am so happy that finally all has fallen into place and your book is published for many to see, read and enjoy your creation.
It was a huge project....

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