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Ankita (eBook)

Poem Book
Type: e-book
Genre: Literature & Fiction
Language: Hindi
Price: ₹150
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

डॉ. श्रीमती तारा सिंह, स्वर्गविभा हिंदी वेबसाईट (www.swargvibha.com) एवं स्वर्गविभा ऑन लाइन पत्रिका की प्रधान संपादिका व प्रशासक ,36 पुस्तकों की रचयिता तथा देश-विदेश से 253 सम्मान/मानदोपाधि/पुरस्कार प्राप्त लेखिका (साहित्यकार) हैं | बचपन से ही प्राकृतिक सौन्दर्य एवं सादगी सदा इन्हें अपनी ओर आकर्षित करती रहीं हैं | इनका समस्त जीवन उत्तरदायित्व, परिवार, समाज के मन्दिर में समर्पित रहा | स्नेह, मैत्री और करुणा कि यह प्रतिमूर्ति, अपनी रचनाओं का ऐसा दीपक प्रज्वलित कर समाज के उस गलियारे में रख दी, जहाँ से युगों -युगों तक अँधेरे से गुजर रहे राहगीरों को उजाला मिल सके | इन्होंने लौकिक प्रेम से अलौकिक आस्था को एक सूत्र में बाँधकर, उस निराकार के साथ, प्राणी-जीवन के स्नेह -सम्बन्धों के दाम्पत्य बंधन की सृष्टि कर डाली और निराकार प्रभु के सामने अमरता को तुच्छ माना | उत्सर्ग की वेदी पर स्वयं को शून्य कर देने वाली तारा,वैराग्य साधना मुक्ति की आकांक्षा नहीं रखती | वह असंख्य बन्धनों के बीच रहती हुई, महानान्द्मय मुक्ति का स्वाद चखना चाहती है | अत: रचयिता अपनी कविताओं के माध्यम से, आते-जाते, जीवन के उन्माद, उल्लास,वेदना और विह्वलता को सृष्टि की सरसता की तरह देखती है |
साहित्य और संस्कृति के लिए पूर्णतया समर्पित कवयित्री, ने अपनी कविताओं में, जीवन-मृत्यु की वास्तविक सत्यता, सुख-दुःख, मिलन-बिछोह, पारिवारिक तथा सामाजिक उलझनों, समस्याओं एवं व्यक्तिगत अनुभूतियों के प्रसंगों को विशेष रूप से उजागर किया है |
इनकी मर्मस्पर्शी कविताओं में मानव का संवेगात्मक संस्कार प्रतिफलित होता दीखता है | फलत: कवयित्री का मानसिक गठन और उसकी क्रिया -प्रतिक्रिया व्यापक फलक पर दीखती है | अत: डॉ. तारा की कवितायेँ व्यक्तिगत रुचिमात्र नहीं रह जातीं | इस प्रकार लेखिका को किसी एक दृष्टिकोण से रेखांकित करने का प्रयास करना कठिन ही नहीं , दुराग्रहपूर्ण भी होगा |

About the Author

श्रीमती तारा सिंह हिन्दी साहित्यकार हैं।
डॉ॰ श्रीमती तारा सिंह की 36 पुस्तकें मीनाक्षी प्रकाशन, मीनाक्षी प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें : (१) कविता-संग्रह – 20

(२) गज़ल संग्रह— 7

(३) कहानी संग्रह— 5

(४) उपन्यास -- 2

(५) आलेख -- 2

इसके अलावा, इनकी 114 सहयोगी काव्य-संकलन प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी रचनाएँ स्वर्गविभा सहित 27 लोकप्रिय वेबसाइटों पर पढ़ी जा सकती हैं। इनकी एक गीत, ’सिपाई जी’ हिन्दी सिनेमा के लिये शीर्ष गीत (Title Song) के रूप में ली गई है।
पुरस्कार
डॉ॰ श्रीमती तारा सिंह, 247 विभिन्न राष्ट्रीय / अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा सम्मानित व पुरस्कृत हो चुकी हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं : साहित्य महामहोपाध्याय, विद्यासागर, विद्या वारिधि, वोमैन आफ़ दी इयर अवार्ड, मदर टेरेसा अवार्ड, कबीर पुरस्कार, भारत भूषण अवार्ड, इण्डो-नेपाल सद्भावना अवार्ड, राजीव गांधी अवार्ड, भारत ज्योति अवार्ड आदि।

Book Details

ISBN: 9789381922606
Publisher: Meenakshi Prakashan
Number of Pages: 52
Availability: Available for Download (e-book)

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