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Type: e-book
Genre: Horror
Language: Hindi
Price: ₹75
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

माया एवं एज्टेक सभ्यता के दौर से जुड़े एक सर्पदेवता यिग की किंवदन्ती पर आधारित एक रोमांचक कहानी। किंवदन्ती के अनुसार, यिग हर साल शरद ऋतु में धरती पर आता है और अपनी सन्तानों— यानि सरीसृपों— को मारने/सताने वाले इन्सानों को सजा देने के बाद उसे धब्बेदार साँप में बदल देता है।

About the Authors

लेखक:
हॉवर्ड फिलिप्स लवक्राफ्ट अजीबो-गरीब (weird), विज्ञान, फंतासी और डरावनी कथाओं के एक अमेरिकी लेखक थे। वह ‘कथुलू मायथोज’ Cthulhu Mythos की रचना के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं।
प्रोविडेन्स में जन्मे लवक्राफ्ट ने अपना अधिकांश जीवन उत्तर-पूर्वी अमेरिका (न्यू इंग्लैंड) में ही बिताया। विवाह के बाद दो वर्ष वे न्यूयॉर्क शहर में भी रहे, लेकिन 1926 में वे प्रोविडेंस में लौट आए और इसके बाद उन्होंने अपने कुछ सबसे लोकप्रिय कार्यों की रचना की, जिनमें ‘द कॉल ऑफ कथुलु’, ‘एट द माउंटेन ऑफ मैडनेस’, ‘द शैडो ओवर इनस्माउथ’ और ‘द शैडो आउट ऑफ टाइम’ शामिल हैं।
। 1970 के दशक में लवक्राफ्ट के काम का विद्वतापूर्ण पुनरुद्धार शुरू हुआ, और अब उन्हें 20वीं सदी के अलौकिक हॉरर फिक्शन के सबसे महत्वपूर्ण लेखकों में से एक माना जाता है। उनकी रचनाओं का दुनिया भर में रुपान्तरण एवं अनुवाद हुआ है। ‘Cthulhu Mythos’ अजीबो-गरीब एवं डरावनी कहानियों की एक विधा बन गयी है, जिसमें लवक्राफ्ट के पात्रों, परिस्थितियों और थीम का उपयोग होता है।
सहयोगी लेखिका:
जीलिया ब्राउन-रीड बिशप लघुकथाओं की लेखिका थीं। आम तौर पर वे रूमानी कहानियाँ लिखा करती थीं, लेकिन आज उन्हें उन तीन डरावनी कहानियों के चलते याद किया जाता है, जो उन्होंने एच.पी. लवक्राफ्ट के साथ मिलकर लिखी थीं। वे तीन कहानियाँ हैं- ‘द कर्स ऑव यिग’, ‘मेदुसा’ज कॉयल’ और ‘द माउण्ड’।
जीलिया बिशप ने दक्षिणी अमेरिका और उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों में प्रचलित सर्पदेवता ‘यिग’ की किंवदन्तियों से सम्बन्धित कुछ जानकारियाँ और कहानी का ताना-बाना एच.पी. लवक्राफ्ट को सौंपा था और इन पर कहानी रचने को कहा था। लवक्राफ्ट ने कहानी रची। यह कहानी उस समय- 1929 में- ‘वायर्ड टेल्स’ (Weird Tales) पत्रिका में जीलिया के नाम से ही प्रकाशित हुई थी।
हिन्दी अनुवादक: जयदीप शेखर

Book Details

Publisher: JagPrabha
Number of Pages: 36
Availability: Available for Download (e-book)

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