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sharmai hui hai shabnam (eBook)

Type: e-book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹50
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

शरमाई हुई है शबनम, चांदनी की रात नही हुई है शबनम उस
पूर्णिमा की रात के विषय में विवरण प्रस्तुत किया गया है जो रात्रि में होने के बावजूद भी कितना सकून और शांति देता है इसी प्रकार खुशहाल जिंदगी का प्रयास किया जाना चाहिए, पूर्णिमा की किरणों की तरह अपने व्यवहार से दुसरो को आनंदित करने का उदेश्य होना चाहिए. चाँद की कल्पना मोहब्बत की किरणों से सजाया गया है ! खूबसूरती तूने पाई ईशवर ने दुनियॉ को खूबसूरती से सजाया है! जिसके सहारे पर लोग समय समय पर आनंदित होते रहते है! भूख की कीमत इसमें यह बताया गया है वर्तमान में लोग के भूख की कीमत भी लगाने लगे है, बरसात का मौसम है नई- नई उत्पत्ति कर लोगो का हर प्रकार से हर समस्या का समाधान करते है, चाँद के ईद उन लोगो के लिए है जब उनको आवश्यकता होती है तो मिलते है आवश्यकता न होने पर वर्षो मुलाकात नहीं हो पाते है! छत्तीसगढ़ की महिमा की बात ही निराली है, सिगरेट पीने से स्वास्थ्य , घर परिवार, समाज में क्या स्थिति होती है उसे कविता के माध्यम से बताया गया है सिगरेट मुक्त परिवार होने का प्रयास किया गया है पानी के सम्बन्ध में उसके बचाओ तथा सुरक्षा पर ध्यान देने हेतु प्रयास किया गया है, वास्तव में यदि भ्रष्टाचार मिटाना है तो उसका स्वरुप पर विचरण हेतु लिखा गया है, माँ तो माँ ही होती है इसकी महिमा को बताया गया है जिसमे बेटी की सुरक्षा भी सम्मिलित है उज्जवल दिल रखने वाला हर प्रकार से संतुष्ट होता है पंछी कैसे आपस में मिलकर रहते है इसी प्रकार से हम लोगो को भी आपस में मिलकर रहना चाहिए, धन को कैसे बराबर बटकर सभी को संतुष्ट करना चाहिए,गाय के विषय में ऐसी कविता लिखने का प्रयास है, इसको पढने के बाद गाय के प्रति लोगो के दिल में सम्मान जाग्रत हो, रेलगाड़ी की यात्रा कैसी होती है उसे बताया गया , जिसके पास पैसा है वह बिलकुल वैसा है उनके शक्ति के बारे में विवरण है नाभि अ ऐसा स्थान है जिसकी देखभाल करने से हर बीमारी कोसो दूर हो सकती है उसी के विषय में बताया गया है.
कविता लिखने का उद्देश्य समाज में जागरूकता हो, सुख-शांति हो, आपस में सद्भावना हो,
प्रेम की बहार हो, भूख मुक्त संसार हो इन्ही सबके साथ पुन: सबकी खुशहाली के लिए तहे दिल से हार्दिक शुभकामनाये देता हूँ!
आपका शुभेक्षु -इंदल प्रसाद खटिक

About the Author

छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के पश्चात मेरा आवंटन हुआ, कविता लिखने की इच्छा जाग्रत हुई यहाँ के मिटटी में महिलाओ को शक्तिशाली बनाने के गुण पर्याप्त है! वनोपज, धर्म, नदी एवं कई मामलो में अपनी सर्वश्रेष्ठता प्राप्त की है! इस कविताओ को छत्तीसगढ़ की देन कही जा सकती है!

आपका शुभेक्षु -इंदल प्रसाद खटिक

Book Details

Number of Pages: 73
Availability: Available for Download (e-book)

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