You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
झारखण्ड राज्य के सन्थाल-परगना प्रमण्डल के अन्तर्गत साहेबगंज जिले में बसा एक कस्बा है- बरहरवा। यहाँ एक छोटी-सी पहाड़ी पर माँ बिन्दुवासिनी का मन्दिर है। यहाँ बारह वर्षों तक (1960-’72) “पहाड़ी बाबा” नाम के एक सन्यासी रहे थे। उनके समय से ही इस स्थान को “बिन्दुधाम” के रुप में भव्यता एवं प्रसिद्धी मिली थी।
प्रस्तुत पुस्तक में बिन्दुधाम, बरहरवा के बारे में जानकारियाँ दी गयी हैं और “पहाड़ी बाबा” के कुछ रोचक प्रसंगों का वर्णन किया गया है।
बिन्दुधाम पर जानकारियाँ निम्न अध्यायों के अन्तर्गत दी गयी हैं: भूमिका, इतिहास, बिन्दुधाम, “पहाड़ी बाबा”, गुरू-परम्परा, आध्यात्म, पर्यटन, आस-पास और उपसंहार।
“पहाड़ी बाबा” के प्रसंगों का वर्णन निम्न अध्यायों के अन्तर्गत है: बरहरवा मे पहाड़ी बाबा का आगमन, जब पहाड़ी बाबा को विष दिया गया, ताम्बे का कड़ा बनाम गुरुशक्ति, मृत गिनीपिग का जिन्दा होना, अमावस्या की मध्यरात्रि में 108 कमल फूल, “मैं तो कलाई दाल खाऊँगा”, दूसरों की पीड़ा अपने ऊपर, “देवेन से मिल ले”, एक तार्किक सज्जन द्वारा बाबा की परीक्षा, एक फकीर की भविष्यवाणी, “भेजा खप्परवाली?”, “सद्भावना के साथ कर्मक्षेत्र में उतर जाओ”, एकहाँड़ी डेढ़ किलो रसगुल्ला, योग और तंत्र में भयंकर भिड़न्त और काहे बिल्ली रास्ता काटे.
Bindudham, Barharwa & Shri Pahari Baba
Excellent book. Shri Pahadi Baba was the greatest Tantrik as well as Kriyayogi of the Universe. Very little material has been published. Thank you so much for the author's efforts