You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
₹ 500
अन्यान्य देशों के लेखकों ने पक्षी-प्रेक्षण (Bird Watching) की पृष्ठभूमि पर उपन्यास-कहानियों की रचना की है, मगर भारत में सुप्रसिद्ध बँगला कथाकार ”बनफूल“ की रचना ‘डाना’ सम्भवतः एकमात्र ऐसा उपन्यास है, जो पक्षी-प्रेक्षण की पृष्ठभूमि पर आधारित है। उपन्यास का कथानक तो अपने-आप में अद्भुत है ही।
‘डाना’ एक वृहत् उपन्यास है, जो तीन खण्डों में प्रकाशित हुआ था- साल 1948, 1950 और 1955 में।
हिन्दी अनुवाद को तीनों खण्डों को एक साथ रखते हुए सम्पूर्ण उपन्यास के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। अनुवाद में उन सैकड़ों चिड़ियों के छायाचित्र भी शामिल किये गये हैं, जिनका जिक्र उपन्यास में आया है।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book DANA.