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रक्षक योद्धा भाग 1 (eBook)

कर्म की रणभूमि
Type: e-book
Genre: Entertainment, Travel
Language: Hindi, Sanskrit
Price: ₹100
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

"रक्षक योद्धा – भाग 1" का सारांश (Description):

शीर्षक: रक्षक योद्धा – भाग 1: अंधकार का उदय
लेखक: क्रिश कुमार सिंह
भाषा: हिंदी
शैली: फैंटेसी, साहसिकता, रहस्य, अध्यात्म

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विवरण:

"रक्षक योद्धा – भाग 1" एक रोमांचक और दिव्य फैंटेसी कथा है जो एक तेरह वर्षीय बालक जयसिंह की कहानी कहती है, जो सामान्य संसार में जीते हुए अचानक एक अद्भुत रहस्य से परिचित होता है — वह धरती लोक और रक्षक लोक का नियत रक्षक है। यह कहानी न केवल उसकी वीरता और साहस की यात्रा है, बल्कि आत्म-ज्ञान, गुरु भक्ति और अंधकार के विरुद्ध दिव्यता की लड़ाई का प्रतीक भी है।

कहानी में जयसिंह के पिता जयकाश सिंह, मार्गदर्शक महामहिम उतन, गुरु रुद्र (जो शिवांश हैं), और मित्र विवान महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हैं।

मुख्य खलनायक डिम्भासुर, अंधकार लोक का स्वामी है, जो पृथ्वी और रक्षक लोक को अपने अधीन करने के लिए एक-एक कर अपने भयानक असुरों को भेजता है, जिनमें शामिल हैं: मोहराज, ब्रह्मराज, लोहपुरुष, महाकालासुर, धूमकेतु, आदि।

हर अध्याय एक नई चुनौती, एक नया असुर, और जयसिंह के भीतर छिपी दिव्यता के नए स्तर को उजागर करता है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, जयसिंह न सिर्फ असुरों को पराजित करता है, बल्कि एक सच्चे रक्षक योद्धा के रूप में स्वयं को स्थापित करता है।

मुख्य तत्व:

फैंटेसी और आध्यात्म का समन्वय

नायक की आंतरिक और बाहरी यात्रा

गुरु-शिष्य संबंध की गहराई

अंधकार और प्रकाश के बीच कालातीत संघर्ष

हर अध्याय के अंत में एक आत्मिक संदेश

About the Author

लेखक परिचय

क्रिश कुमार सिंह एक प्रतिभाशाली और संवेदनशील लेखक हैं, जो कल्पना और अध्यात्म को अपनी लेखनी में अद्भुत रूप से पिरोते हैं। उनका मानना है कि कहानियाँ केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि आत्म-जागरण और प्रेरणा का स्रोत होती हैं।

"रक्षक योद्धा – भाग 1" उनकी पहली फैंटेसी श्रंखला है, जिसमें उन्होंने एक किशोर नायक की यात्रा के माध्यम से अच्छाई और बुराई के कालातीत संघर्ष को प्रस्तुत किया है। लेखक का उद्देश्य केवल एक रोचक कथा कहना नहीं है, बल्कि पाठकों को यह महसूस कराना है कि हर व्यक्ति के भीतर एक 'रक्षक योद्धा' छिपा होता है, जिसे बस जागृत करने की आवश्यकता है।

लेखक को पौराणिक कथाओं, मनोविज्ञान, रहस्यमय लोकों, और बच्चों एवं युवाओं के आंतरिक संसार में गहरी रुचि है। वे मानते हैं कि आने वाली पीढ़ी को दिव्यता, साहस और नैतिक मूल्यों की ओर ले जाना, लेखनी के माध्यम से सबसे सुंदर सेवा है।

अपने खाली समय में वे ध्यान, अध्यात्मिक अध्ययन और नई कहानियों की रचना में लीन रहते हैं।

Book Details

Publisher: Krish kumar
Number of Pages: 96
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

रक्षक योद्धा भाग 1

रक्षक योद्धा भाग 1

(5.00 out of 5)

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1 Customer Review

Showing 1 out of 1
rudraveer273 7 months, 3 weeks ago

Amazing book and story consept

This book is realete to my real life क्योंकि मेरी जिंदगी में भी बहुत परेशानी लेकिन इसे पढ़ने के बाद मेरे अंदर एक नया जुनून आया है

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