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लेखक कुशाल तिवारी ने दि रिज़र्वेशन ऑफ गवर्मेंट फंड्स टू एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय नामक उपन्यास लिखा है और लेखक ने इस उपन्यास को गहन अध्ययन के बाद लिखा और लेखक चाहता है कि वर्तमान में आरक्षण को ओर मजबूत करना जरूरी है और ये बुक में लेखक ने एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो के जीवन को बदलने का रास्ता बताया है जो कि वर्तमान में जरूरत है क्यों कि सरकारी जान मुजकर सरकारी वैकेंसी नहीं निकाल रही क्यों की जब वैकेंसी ही नहीं निकाली जाएगी तो आरक्षण का लाभ सिर्फ शिक्षा में छात्रवृत्ति तक ही सीमित हो जाएगा पर व्यक्ति शिक्षा इसलिए लेता है कि उसे नोकरी मिले और नोकरी इसलिए करता है कि पैसा मिले ताकि वो आर्थिक तौर पर अपने परिवार को मजबूत कर सके तो लेखक ने अब इसका हल निकाला है कि क्यों ना सीधे सरकारी राजस्व में ही आरक्षण लिया जाए ताकि चाहे फिर सरकार किसी की भी आए चाहे सरकार वैकेंसी निकाले या ना निकाले इस सरकारी राजस्व में आरक्षण के बाद एसटी एससी ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो को कभी पैसे कि कमी नहीं होगी क्यों की सरकारी राजस्व में आरक्षण के बाद कोइ भी सरकार सरकारी राजस्व के 50% राजस्व से कोइ योजना नहीं बना सकेंगे और ये राजस्व सीधे एसटी एससी ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के बैंक खाता में पैसा जाएगा ओर वो अपना विकास खुद अपने हाथ से करेंगे और ये आंदोलन आरक्षण पर किया जाने वाला अंतिम आंदोलन होगा इसके बाद कभी आरक्षण पर आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी
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