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विषय- सूची
ऋषि
वेद
उपनिषद्
ऋषि परम्परा
भाग-1 : व्यास
लेखक/शास्त्राकार
शास्त्र
व्यास
लेखकों/शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
भाग-2 : महाभारत
अठ्ठाइसवें व्यास – कृष्ण द्वैपायन
महाभारत
गीता दर्शन
ऐतिहासिक एवं भाषाई प्रमाण
पुरातत्व प्रमाण (1900 ई0पू0 से पहले)
महाभारत कथा
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त अनुसार “महाभारत”
भाग-3 : तीसरायुग : द्वापरयुग
आठवाँ अवतार : श्रीकृष्ण अवतार
श्रीकृष्ण की वाणी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि
भाग-4 : विश्वभारत
भारतीय शास्त्रों की एक वाक्य में शिक्षा
विश्वशास्त्र
विश्वशास्त्र की स्थापना
रचना क्यों?
आविष्कार किस प्रकार हुआ?
उपयोगिता क्या है?
बाद का मनुष्य, समाज और शासन
कितना छोटा और कितना बड़ा?
एक ही शास्त्र-साहित्य के विभिन्न नाम
विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग
सम्बन्धित स्थान?
विश्वभारत
कर्म वेदान्त और -विकास दर्शन
कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचमवेद
भाग-5 : चौथा युग : कलियुग
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
अदृश्य काल में विश्वात्मा का प्रथम जन्म - योगेश्वर श्री कृष्ण
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का पहला भाग - स्वामी विवेकानन्द
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का अन्तिम भाग - भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव
एक ही मानव शरीर के जीवन, ज्ञान और कर्म के विभिन्न विषय क्षेत्र से मुख्य नाम
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
बुड्ढा कृष्ण : कृष्ण का भाग-दो और अन्तिम
विद्रोही या सार्वजनिक प्रमाणित कृष्णकला समाहित विश्वमानव कला
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
विश्व सरकार के लिए पुन: भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
भाग-6 : पाँचवाँयुग : सत्ययुग/स्वर्णयुग
सन् 2015 ई0 - सन् 2019 ई0
वर्ष 2020 ई0 में खगोलिय घटना : 6 ग्रहण (4 चंद्र ग्रहण, 2 सूर्य ग्रहण)
वर्ष 2020 ई0 में प्राकृतिक घटना : कोरोना (COVID-19) वायरस से वैश्विक महामारी
वर्ष 2020 ई0 : सार्वभौम एकात्मता-मानवता का सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का एंतोनियो गुटेरेश (महासचिव, संयुक्त राष्ट्र) का सन्देश
भाग-7 : समष्टि धर्म दृष्टि
अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” का मानवों के नाम खुला चुनौती पत्र
अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार का काशी-सत्यकाशी क्षेत्र से विश्व शान्ति का अन्तिम सत्य-सन्देश
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