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विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
भाग-1 : चौथा युग : कलियुग
विष्णु के नवें अवतार - बुद्ध अवतार
भाग-2 : बुद्ध से वैश्विक बुद्ध तक
(आकड़े सन् 2000 तक के हैं तात्पर्य केवल मनुष्य की संसाधन क्षमता को बताना है।)
अ. स्थिति
विश्व, भारत देश, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, राज्य अर्थात् शासन, भारतीय समाज, भारतीय परिवार, भारतीय व्यक्ति स्तर पर स्थिति
1. राज्य अर्थात् शासन की स्थिति
2. विज्ञान की स्थिति
3. धर्म की स्थिति
4. व्यापार की स्थिति
5. समाज की स्थिति
6. परिवार की स्थिति
7. व्यक्ति की स्थिति
ब. परिणाम
विश्व, भारत देश, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, राज्य अर्थात् शासन, भारतीय समाज, भारतीय परिवार, भारतीय व्यक्ति स्तर पर परिणाम
01. राज्य अर्थात् शासन का परिणाम
02. विज्ञान का परिणाम
03. धर्म का परिणाम
04. व्यापार का परिणाम
05. समाज का परिणाम
06. परिवार का परिणाम
07. व्यक्ति का परिणाम
स्थिति के विकास का परिणाम
विज्ञान का राज्य और धर्म पर प्रभाव
ब्रह्माण्डीय स्थिति और परिणाम
विश्व के समक्ष भारत की स्थिति और परिणाम
दृश्य पदार्थ विज्ञान और अदृश्य आध्यात्म विज्ञान-स्थिति एवं परिणाम
सार्वभौम एकीकरण-स्थिति एवं परिणाम
भाग-3 : पाँचवाँयुग : सत्ययुग/स्वर्णयुग
सन् 2015 ई0 - सन् 2019 ई0
वर्ष 2020 ई0 में खगोलिय घटना : 6 ग्रहण (4 चंद्र ग्रहण, 2 सूर्य ग्रहण)
वर्ष 2020 ई0 में प्राकृतिक घटना : कोरोना (COVID-19) वायरस से वैश्विक महामारी
वर्ष 2020 ई0 : सार्वभौम एकात्मता-मानवता का सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का एंतोनियो गुटेरेश (महासचिव, संयुक्त राष्ट्र) का सन्देश
भाग-4 : वैश्विक बुद्ध - बुद्ध का भाग दो और अन्तिम
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त अनुसार बुद्ध
स्वामी विवेकानन्द के दृष्टि में बुद्ध
वैश्विक बुद्ध - बुद्ध का भाग दो और अन्तिम
सम्बन्धित विचार एवं स्पष्टिकरण
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
कर्म वेदान्त और विकास दर्शन
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
भाग-5 : विश्व शान्ति का अन्तिम मार्ग
विश्व शान्ति
ईश्वर का मस्तिष्क, मानव का मस्तिष्क और कम्प्यूटर
एकात्मकर्मवाद और विश्व का भविष्य
विश्व का मूल मन्त्र- ”जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान“
विश्वमानक-शून्य श्रृंखला (निर्माण का आध्यात्मिक न्यूट्रान बम)
भारत का संकट, हल, विश्वनेतृत्व की अहिंसक स्पष्ट दृश्य नीति, सर्वोच्च संकट और विवशता
गणराज्य-संघ को मार्गदर्शन
01. गणराज्यों के संघ-भारत को सत्य और अन्तिम मार्गदर्शन
02. राष्ट्रो के संघ - संयुक्त राष्ट्र संघ को सत्य और अन्तिम मार्गदर्शन
03. अवतारी संविधान से मिलकर भारतीय संविधान बनायेगा विश्व सरकार का संविधान
04. ”भारत“ के विश्वरूप का नाम है-”इण्डिया (INDIA)“
05. विश्व सरकार के लिए पुनः भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
- शून्य का प्रथम आविष्कार का परिचय
- शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार का परिचय
भाग-6 : समष्टि धर्म दृष्टि
विश्वशास्त्र
विश्वशास्त्र : भूमिका
विश्वशास्त्र : शास्त्र-साहित्य समीक्षा
विश्वशास्त्र की स्थापना
विश्वशास्त्र की रचना क्यों?
विश्वशास्त्र के बाद का मनुष्य, समाज और शासन
एक ही विश्वशास्त्र साहित्य के विभिन्न नाम
अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह” विश्वमानव” का मानवों के नाम खुला चुनौती पत्र
अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार का काशी-सत्यकाशी क्षेत्र से विश्व शान्ति का अन्तिम सत्य-सन्देश
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