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दीन हीन, रोगी, अपाहिज, वृद्ध वेवश, बेसहारा लोगों के मसीहा, सैकड़ों स्कूल कालेज, छात्रावास, धर्मशालायें गौरक्षण तीर्थ, वृद्धाश्रमों के निर्माता, प्रसिद्ध समाज सुधारक अमरावती(महाराष्ट्र) के गाडगे बाबा एक चमत्कारी संत थे। महाराष्ट्र में उनको भगवान मानकर घर घर में पूजा जाता है। हिन्दी भाषी क्षेत्र में बहुत कम लोगों ने इनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विषय में सुना है। इनकी जीवनी और उपदेश मराठी और अंग्रेजी भाषा में महाराष्ट्र में किताबों के रूप में खूब मिलते हैं।
वर्ष 2003 में मुझे गाडगे बाबा की जीवनी की कुछ पुस्तकें अंग्रेजी में श्री वसंतशिरवाडकर द्धारा लिखित "The Wondering Saint Life and Teaching of Gadge Baba" तथा मराठी में लिखित ‘‘घरोघरी बाबा’’ (हिन्दी लिपि) में पढ़ने को मिलीं। जिनका मैंने कई बार गहन अघ्ययन किया और उसी के आधार पर सहज, सरल, हिन्दी भाषा में ‘‘अमरावती के गाडगे बाबा (इंसान से भगवान तक) लिखी।
जिसे सन् 2003 में प्रकाशित कराया। पुस्तक के प्रकाशन में गाडगे महाराज सेवा समिति आगरा के महामन्त्री श्री श्याम बहादुर कन्नौजिया के अतिरिक्त श्री राधारमन चैधरी, करनसिंह भारती, संतोश कुमार जी आदि का भी उल्लेखनीय सहयोग रहा।
आपका चन्द्रभान ‘दिनकर’।
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