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यह पुस्तक रुद्र की यात्रा की कहानी है, जो आत्म-अवलोकन, संघर्ष, और समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में उसकी प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाती है। रुद्र एक साधारण व्यक्ति है, जो अपने जीवन में निराशा और असंतोष का अनुभव करता है। बाहरी दुनिया में सफलता और खुशी की तलाश में वह कई कठिनाइयों से गुजरता है, लेकिन उसे असली संतोष तब मिलता है जब वह अपनी आत्मा की गहराइयों में उतरता है। अपने जीवन की दिशा को बदलने और आत्मिक शांति पाने के लिए रुद्र भारत भ्रमण पर निकलता है। इस यात्रा के दौरान वह विभिन्न स्थानों पर जाता है, साधु-संतों से मिलकर साधना करता है, ध्यान और योग का अभ्यास करता है, और समाज की समस्याओं को समझता है।
इस यात्रा में उसे समझ में आता है कि सच्ची खुशी बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि हमारे अपने भीतर है। पुस्तक के विभिन्न अध्यायों में रुद्र की यात्रा को दर्शाया गया है - उसके भीतर की बेचैनी से लेकर संतोष की प्राप्ति तक। रुद्र के अनुभवों के माध्यम से पाठकों को आत्म-अवलोकन, आत्म-अनुशासन, और ध्यान के महत्व को समझने का मौका मिलता है।
यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो अपने जीवन में सार्थक बदलाव लाना चाहते हैं और अपने भीतर की शांति को अनुभव करना चाहते हैं। इस आत्मिक यात्रा के माध्यम से रुद्र ने यह सीखा कि जीवन में संतुलन और शांति पाना तभी संभव है जब हम अपनी इच्छाओं को नियंत्रित कर अपने मन को शांत रखें। यह कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम भी अपने जीवन में संतुलन और शांति की दिशा में कदम बढ़ाएं और समाज के लिए कुछ सार्थक योगदान दें।
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