You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
वचनं मधुरम् संत शिरोमणि, युग परिवर्तक श्री सच्चा बाबा महाराज की वाणियों के काव्यमय भावानुवाद की शृंखला की दूसरी कड़ी है। संत श्री सच्चा बाबा ’श्री सच्चा आश्रम, अरैल, प्रयाग में गंगा यमुना संगम के पास रहते थे। उनकी वाणियाँ स्वयं में वेद-ऋचाओं से अर्थ-गर्भी तत्त्व परिनिष्ठ और नयनोन्मीलक हैं। आप समय के द्रष्टा और क्रांतिकारी परिवर्तक संत हैं। उनकी वाणियों का यह विश्लेषण समय-समय पर जैसे वसंत पंचमी जिसे वे परिवर्तन की तिथि कहते थे, शिवरात्रि जिसे वे स्वात्मावबोध की तिथि कहते थे, गुरुपूर्णिमा जिसे वे आत्मानुशीलन की तिथि कहते थे और कृष्ण जन्माष्टमी जिसे वे भगवतावतरण की तिथि कहते थे, पर दिए गए प्रवचनों का सार संक्षेप है। राम नवमी, चैतन्य जन्मोत्सव, यज्ञायोजन एवं भारतीय तत्त्वान्वेषी विद्यार्थियों के बीच भी उनके प्रबोधनों ने अमृत तुल्य कार्य किया है। यह वचनं मधुरम् काव्य रचना उन्हीं तत्त्वदर्शी ऋषि की वाणियों का आलोड़न एवं अनुशीलन है जो नितान्त स्वांतः सुखाय है और इसका प्रकाशन परोपकाराय ही उद्घाटित हुआ है।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book Vachanam Madhuram.