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DARD JYADA HAI, DAWA THORI HAI (eBook)

GHAZAL
Type: e-book
Genre: Literature & Fiction, Poetry
Language: Hindi, Urdu
Price: ₹150
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

दर्द ज्यादा है ,दवा थोड़ी है,120 ग़ज़लों का संग्रह है।
ग़ज़ल का चलन काफी पुराना है। फिर भी ग़ज़ल शब्द में अनोखा नयापन है।
भाषा और वाद के भेद से बहुत दूर रहकर व्यक्तिगत भेदभाव को नकारते हुए कट्टरपंथ से हटकर रचना की है।
सरल हिन्दी व उर्दू के शब्दों का इस्तेमाल करते हुए "ग़ज़ल " लिखीं हैं , जिनका
उददेश्य सम्पूर्ण भाव को शेरों में रखकर संतृप्त करना है।

About the Author

रामदेव शर्मा "राही "
15.04.1959
सदस्य :- राजधानी कवि समाज , दिल्ली
संयोजक :- अखिल भारतीय कवि -सभा छाता(मथुरा)
महामंत्री :- साहित्य सेवा संघ, छाता - मथुरा
सदस्य :- सरस्वती साहित्य मंच, हाथरस
"काव्य मंचों पर हास्य-व्यंग कवि व ग़ज़लकार के रूप में प्रतिष्ठित तथा विभिन्न
पत्र- पत्रिकाओं में काव्य लेखन आदि। "

Book Details

Publisher: Bhardwaj Prakashan
Number of Pages: 75
Availability: Available for Download (e-book)

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