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कायनात मतलब, वो सारा खाली स्थान जो वायु के रूप मे हमारे अगल बगल से लेके सूरज तारों से भी आगे चारों ओर फैला हुआ है, और ये निरंतर हर सेकंड फैलता ही जा रहा है, जिसके अंदर हमारी पृथ्वी एक डॉट से भी हज़ार गुना कम छोटी दिखाई देती है। इसी कायनात मे हम सब जीव - जन्तु, पक्षी, जानवर, व पेड़ पौधे यहाँ जीवित रह पाते है, और अपना जीवन जीते है। इस कायनात को हम कुदरत, नेचर ब्रह्मांड, स्पेस (Space) के नाम से भी पुकारते है। तो कब ये सारी कायनात हमारे सपनों को पूरा करने मे लग जाती है, हम इस विषय ( Concept ) को तार्किक और वैज्ञानिक रूप से स्टेप बाई स्टेप जानेंगे व समझेंगे की कब और कैसे ऐसा होता है, जब सारी कायनात हमारे सपनों को पूरा करने मे लग जाती है, और आप देखेंगे की दुनिया मे ये काम सबसे आसान व सरल तरीके से होता
है। क्योंकि ये कायनात ही है जो, हमारे से पहले भी मौजूद थी, और हमारे बाद मे भी मौजूद रहती है, और इसी मे हम सब पैदा हुये, इसी मे ही मिट गए और इसी ने हमे फिर से बनाया है। यानि ये कायनात हमसे करोड़ो - करोड़ों गुना शक्तिशाली है। कायनात ही हमारे सबसे ज्यादा नजदीक है, और यहाँ सब कुछ यही करने वाली है, इसके बिना कुछ भी संभव नहीं है। जिसने भी खुद को इस कायनात से जोड़ (Connect) लिया और इस सत्य (Reality) को वैज्ञानिक रूप मे परख के जान लिया, समझ लिया और अपने अन्तर्मन {Unconscious Mind} मे आत्मसात कर लिया, तो उसकी सारी समस्याएं व चिंताएँ मिटने लगती है, वह बिना डरे अपनी ज़िंदगी जीने लगता है उसको कभी कोई भय नही सताता और सारी कायनात उसके सपनों को पूरा करने मे लग जाती है।
दोस्तों प्रस्तुत किताब मे आपको एक ऐसा सार / निचोड़ / उपाए (Solution) मिलेगा, जो हमारी ज़िंदगी की सारी छोटी - बड़ी परेशानियों (Problems) से छुटकारा पाने मे एकमात्र रास्ता होता है। वो सभी समस्याएँ (Problems), जिनसे निपटने के लिए हम अपनी मन बुद्धि से बहुत सी तैयारियाँ करते है, अभ्यास करते है, किताबें पढ़तें है, सीखते है, और फिर जरा सी चूक होने पर कोई परिणाम नहीं आता। क्यूंकि ज्यादातर, हमारी प्रॉब्लेम्स की जड़ कहीं और होती है, और हम उसे ढूंढते कहीं और हैं।
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