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रात की सब बात को भ ल
कर सावहल आराम र्रमा रहा था। अपने ररजल्ट के बारे में सोच कर मन को शांत कर लेता जो हुआ वह ठीक हुआ !
आज स ब ु ह सावहल जल्िी जग गया। आज िो-िो ररजल्ट आने वाले थे । एक तो B.A र्ाइनल इयर का िूसरा bpsc
का । हर ऱोज की तरर् सावहल आज कुछ करना नही चाहता था, इस वलए स ब ु ह में स ध
ा का िूध ले कर सेवई बन
कर खा वलया। जब आवमर ने उसे िेखा तब बोला –“क्या बे त म
आज खाली सेवई खा कर रहोगे क्या ? नही र
आज ररजल्ट आने वाल है न! -बोलते हुए सावहल आवमर के तरर् िेखा । आवमर वबस्तर पर सो हुए बोल रहा था ।
अच्छा आज ररजल्ट आने वाला है तो आराम करना चाहते हो सही है बेटा लगे रहो! बोलते हुए आवमर उठा फ्रेश हो
कर बाहर वनकाल गया ।
िोपहर...
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