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प्रिय पाठकों - नमस्कार,
यह ग्रन्थ ऋषि वात्यायन जी के द्वारा सबसे पहले संस्कृत में ईसा की तृतीय शताब्दी के मध्य में ४०० में लिखा गया था। जिसका अंग्रेजी में अनुवाद सर रिचर्ड बर्टन द्वारा लगभग २०० वर्ष पूर्व १८८३ में किया गया था। कामसूत्र महर्षि वात्स्यायन द्वारा रचित भारत का एक प्राचीन कामशास्त्र ग्रंथ है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए ही जाना जाता है। महर्षि वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धान्तों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। अर्थ के क्षेत्र में जो स्थान कौटिल्य के अर्थशास्त्र का है, काम के क्षेत्र में वही स्थान कामसूत्र का है।
महर्षि वात्स्यायन ने जो कामसूत्र ग्रंथ लिखा है उसमें केवल सेक्स पर चर्चा नही है। उसमें व्यक्ति की जीवनशैली, पति-पत्नी के कर्त्तव्य, सौंदर्य, आदि से जुड़े विषयों पर जानकारी है। सेक्स पर चर्चा को भले ही हमारे समाज में वर्जित माना जाता हो, लेकिन कामसूत्र इस विषय पर गहराई और गंभीरता से चर्चा करता है और न केवल चर्चा करता है, बल्कि इसके महत्व के बारे में भी बताता है। अपनी विषय - पूरक जानकारी के चलते कामसूत्र दुनिया भर में पसंद की जाने वाली किताब है। इसमें काम यानी संभोग को ही जीवन का आधार माना गया है।
किताब की भाषा विशिष्ट और कठिन थी, जिसे बहुत सावधानी के साथ सरल हिंदी भाषा में अनुवाद किया गया है, ताकि आप हर भाव को आसानी से समझ सकें और किताब को उस समय के हिसाब से भरपूर महसूस कर सकें।
अगर किताब पसंद आये तो 5 स्टार रेटिंग देकर रिव्यु देने में संकोच ना करें।
धन्यवाद…...
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