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प्रिय पाठकों, नमस्कार,
डॉ. कुमार विश्वास हिंदी के वर्तमान समय के सबसे प्रसिद्ध कवि हैं। इसके साथ ही वे लेखक, कलाकार, प्रेरक वक्ता भी हैं, वे इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे अधिक अनुसरण किये जाने वाले पहले कवि हैं। वे कविता पाठ और कवि सम्मेलन के क्षेत्र में लम्बे अरसे से सक्रिय हैं। वे कविताओं के अतिरिक्त गीत और शायरी भी लिखते हैं। कवि - सम्मेलनों और मुशायरों में भी वे एक अग्रणी मेहमान हैं। कई हिंदी फिल्मों में उनके गानों को आजमाया जा चूका है। उन्होंने कुछ हिंदी फिल्मों में अभिनेता के रूप में अभिनय भी किया है। देश के सैकड़ों प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में उनके एकल कार्यक्रम होते रहते हैं। इनमें आई आई टी और आई आई एम जैसे संस्थान शामिल हैं, कई कॉर्पोरेट कंपनियों में भी उन्हें अक्सर कविता - पाठ के लिए बुलाया जाता है। उन्होने भारत के अतिरिक्त अमेरिका, अबुधाबी, दुबई, सिंगापूर, ब्रिटेन, नेपाल जैसे देशो में भी कविता पाठ किया है। भारत में उन्होंने असंख्य कविता पाठों में भाग लिया है और लगातार ले रहे हैं।
आधुनिक हिंदी के साहित्यकार नीरज जी ने उन्हे निशा - नियामक की उपमा दी हैं। इस कालखंड में प्रस्फुटित युवा शक्ति के सबसे बड़े प्रतिनिधि के रूप में कुमार विश्वास ने स्वयं को स्थापित किया है। यदि उनकी कवि यात्रा को देखा जाए तो वे बेहद सक्रिय साहित्यकार हैं। वे हिंदी पत्रिकओं के लिए भी लिखते हैं और अध्ययन भी करते हैं। अगर हम पुरस्कारों की बात करें तो उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा जा चूका है जैसे ‘डॉ. कुंवर बेचैन काव्य - सम्मान’ , पुरस्कार समिति द्वारा 1994 में 'काव्य - कुमार पुरस्कार' , साहित्य भारती उन्नाव द्वारा 2004 में 'डॉ. सुमन अलंकरण' , हिन्दी - उर्दू अवार्ड अकादमी द्वारा 2006 में 'साहित्य - श्री' इत्यादि। वे हिन्दी मंच के एकमात्र ऐसे कवि हैं, जिनकी कविता (बिना किसी वाद्य यंत्र के, अपने स्वर में) देश के प्राय: सभी बड़े मोबाईल ऑपरेटरों के कॉलर ट्यून में शामिल है। वे इंटरनेट पर सबसे लोकप्रिय कवि हैं। सोशल मीडिया में उनका प्रशंसक परिवार अन्य किसी भी कवि से काफी बड़ा है। यू - ट्यूब पर उनके एक ही वीडियो को पाँच लाख से अधिक बार देखा गया है, जो किसी भी अन्य कवि के वीडियो से कई गुना ज़्यादा है।
जीवन - परिचय
डॉ. कुमार विश्वास का जन्म 10 फ़रवरी 1970 को पिलखुआ, ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे कुमार विश्वास ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पिलखुआ में ही प्राप्त की। उनके पिता डॉ. चन्द्रपाल शर्मा आर एस एस डिग्री कॉलेज (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से सम्बद्ध) पिलखुआ में प्रवक्ता रहे। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं। राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज से बारहवीं में उनके उत्तीर्ण होने के बाद उनके पिता उन्हें इंजीनियर बनाना चाहते थे। लेकिन उनका मन मशीनों में नहीं रमा और उन्होंने बीच में ही वह पढाई छोड़ दी। साहित्य के क्षेत्र में आगे बढने के ख्याल से उन्होंने स्नातक और फिर हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया, जिसमें उन्होंने स्वर्ण - पदक प्राप्त किया। तत्प्श्चात उन्होंने ‘कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना’ विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उनके इस शोध - कार्य को 2001 में पुरस्कृत भी किया गया।
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