You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
एक औरत होने के नाते ऋतु अपने बेटे के साथ वैवाहिक जीवन का पूरा आनंद लेना चाहती थी. संजय भी गर्भ-विवाह के द्वारा खुद को और अपनी माँ को नियमों के बंधन से मुक्त करना चाहता था. सोनगढ़ की परंपरा के अनुसार गर्भ-विवाह के लिए ऋतु संजय के बीज से तीसरी बार गर्भधारण करने का प्रयास कर रही थी लेकिन एक रात उन दोनों ने अपनी मर्यादा तोड़ दी. अपने सबसे सुन्दर सपने को पूरा करने के लिए ऋतु को अपनी बड़ी बेटी की सहायता लेनी पड़ी.
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book द थर्ड प्रेगनेंसी.