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1857 Ka Swatantraya Samar - Karan Se Parinam Tak (eBook)

Type: e-book
Genre: History
Language: Hindi
Price: ₹50
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

1857 की क्रांति को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है। क्योंकि संभवतः इतने बड़े स्तर पर इससे पहले कभी कोई विद्रोह नहीं हुआ था। अंग्रेजों के भारत आगमन के बाद से ही उन्हें देश भक्त स्वतंत्रता के प्रिय भारतीयों से सशस्त्र विरोध का सामना करना पड़ रहा था। किन्तु यह विद्रोह एक विशेष क्षेत्र तक ही सीमित था। ऐसी ही एक अवधारणा यह है कि इस क्रांति की शुरुआत मंगल पाण्डेय के द्वारा अंग्रेजों के विरोध से शुरू हुई। इसके पीछे अंग्रेजों द्वारा गोलियों में सूअर और गाय की चर्बी का शामिल होना था। यह धारणा अर्द्ध-सत्य है। इस विद्रोह की योजना बहुत पहले ही देशभक्त भारतीयों ने बनानी शुरू कर दी थी। इसके पीछे देश को अंग्रेजों से मुक्त कराना था। दो अन्य कारणों ने भी इस आंदोलन में प्रेरक की भूमिका निभाई। यह पुस्तक इन्हीं कारणों से होती हुई इस क्रांति के परिणाम तक को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करती है।

About the Author

कानपुर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) व जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए (मार्केटिंग व फाइनेंस)।
वर्ष 2003 से विश्व संवाद केंद्र, कानपुर से जुड़ाव। मीडिया कोऑर्डिनेटर व संचालन समिति के सदस्य के रूप में कार्य। वर्तमान में विश्व संवाद केंद्र, कानपुर के प्रमुख का दायित्व निर्वहन। वर्ष 2011 से 2015 तक हिन्दुस्थान समाचार से जुड़ाव और विभिन्न दायित्वों का निर्वाह।
वर्ष 2016 से पाक्षिक पत्रिका चाणक्य वार्ता से जुड़ाव। 21 दिसंबर 2018 को संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख रहे स्मृति शेष श्रीकांत जोशी के जन्मदिवस पर मातृभूमि समाचार की स्थापना की और इसके संपादक के रूप में कार्य प्रारंभ। इसी क्रम में वर्ष 2024 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती 23 जनवरी को मातृभूमि समाचार के अंग्रेजी न्यूज पोर्टल का प्रारंभ। वर्तमान में मातृभूमि समाचार 6 भाषाओं में अपनी सेवा दे रहा है।
संप्रति: महामंत्री, उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, कानपुर शाखा के दायित्व का निर्वहन।

Book Details

ISBN: 9789334451115
Publisher: Saransh Kanaujia
Number of Pages: 68
Availability: Available for Download (e-book)

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1857  Ka Swatantraya Samar - Karan Se Parinam Tak

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