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स्व. श्री मोहनदास गांधी उपाख्य महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से वापिस भारत आने के बाद देश की राजनीति को एक नया रूप दिया। उस समय कांग्रेस का गरम दल क्रांतिकारियों के प्रति नरम व्यवहार रखता था, जिसका असर कांग्रेस पर भी दिखने लगा था। ऐसे समय में गांधी जी ने भारत में अहिंसा का सिद्धांत दिया और स्वतंत्रता के उपरांत तक वे इसी सिद्धांत पर कायम रहे। स्वतंत्रता के उपरांत विभाजन
का दंश झेलने वाले लोगों ने इस कारण गांधीजी का बहुत विरोध किया। कांग्रेस को भी गांधी जी की इस राजनीति के कारण जन आक्रोश का सामना करना पड़ा। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या गांधी जी की राजनीति सही दिशा में थी? मैं अपनी इस पुस्तक में गांधी जी की राजनीति से जुड़े कुछ पन्नों को आपके समक्ष रख रहा हूं, जिससे आप यह निर्णय कर सकें कि क्या सही है और क्या गलत हुआ?
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