You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
Poetic दर्पण है, समाज में doctor,शिक्षक , वकील जैसे professionals की greed, साधुओं का ढोंग और नेताओं की अवसरवादिता का satirical चित्रण है । दशहरा,दीपावली,गांधी जयंती तथा independence day जैसे मौको पर enjoyment के साथ साथ क्या हमारी responsibility है? Rupee का devaluation, 32रु में गरीब का गुजारा, food security bill और प्याज के बढ़ते दामो पर कटाक्ष इस दर्पण की बेचैन भावना है। निर्भया से लेकर lady photo journalist के gang-rape में उभर कर आयी आवाज क्या समाज की अपराध, और बलात्कार जैसी दुष्प्रवर्ती बदल पायेगी? दागी अध्यादेश पर परशुराम कि तर्ज पर राहुल -लालू संवाद और दशरथ-कैकेयी वार्तालाप कि तर्ज पर Modi को BJP का PM पद के लिए उम्मीदवार बनाने पर आडवाणी का कोप भाजन, फिर आडवाणी-राजनाथ वार्तालाप रामायण से लिए प्रसंगो का आधुनिक रूप है । 'बूढ़ी माँ कि व्यथा’ आज कि त्रासदी है। शराबी ,चश्मे कि आत्म कथा ,calling a call center हास्य व्यंग हैं। 'नन्ही जान के खातिर में’ premarital सेक्स से आफत में आयी जान दिखाई है । माँ की ममता तथा वैष्णो देवी दर्शन में माँ का आशीर्वाद लिया है । प्रेरणादायक कविताओं में भावी पीढी का चरित्र निर्माण करने का wakeup call है ।।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book Poetic Darpan.