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आदित्य, एक गरीब किसान परिवार में जन्मा लड़का, अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करना चाहता था-शिक्षा के माध्यम से गरीबी से बाहर निकलना। कड़ी मेहनत से उसने अंग्रेजी स्कूल में कदम रखा, जहां नए अवसर उसका इंतजार कर रहे थे। लेकिन जिज्ञासा उसे एक अंधेरी राह पर ले गई-एक ऐसी लत जिसने उसकी ऊर्जा, एकाग्रता और आत्मसम्मान को छीन लिया।
20 साल की उम्र में, उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने संघर्ष किया, अपनी कमजोरियों को हराया, और खुद को 100 गुना बेहतर बनाया। यह यात्रा सिर्फ उसकी नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जो खुद को खो चुका है और वापस लौटना चाहता है।
यह किताब सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि उन सभी के लिए एक मार्गदर्शिका है जो अपनी खोई हुई शक्ति को वापस पाना चाहते हैं और बुरी आदतों की जंजीरों से मुक्त होना चाहते हैं।
आप बदलाव के लिए तैयार हैं?
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