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आया सावन सुहाना (eBook)

सावन के झूले और बरसात की कविताएं...
Type: e-book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹100
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

इस पुस्तक में सावन , बरसात , प्यार , उदासी , खुशी , प्रेमी प्रेमिका शायरी, प्रकृति ,रिश्ते , परिवार , और जिंदगी से जूझती कुछ शायरी और भी बहुत सारे विषयों पे चुन चुन के सबके लेख एकत्रित किए हैं और सब को मिलाकर एक संकलन बनाया है । इस किताब में निम्नलिखित लेखक शामिल है -
संपादक - सृष्टि शिवहरे
संदीप सक्सेना , कृष्णा पांडुरंग वाघमारे , डॉ मीनाक्षी सुकुमारन , रितु राकेश , योगेश्वरी भारद्वाज , मीनाक्षी शर्मा , सीमा तोमर , राजीव कुमार ,नेहा राठी ,उत्तम द्विवेदी , उदयवीर भारद्वाज , एन.एस.धीमान "अश्क" , अनुराग सिंह

About the Author

इनका नाम सृष्टि शिवहरे है । महत्वाकांक्षी लेखकों के लिए, सृष्टि शिवहरे एक महान प्रेरणा हैं । इन्होंने 30 से अधिक पुस्तकों में अपने महत्वपूर्ण योगदान के साथ अपना लेख प्रकाशित किया है, इनकी स्वयं को 11 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमे से साथ संकलन हैं जिनको स्वयं इन्होंने ही संकलित किया है । ये पढ़ाई में होनहार छात्राओं में से एक है , इन्होंने भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी की है और बीएससी में प्रथम श्रेणी प्राप्त की इसके अलावा इन्होंने आई.टी.आई. ( इलेक्ट्रिकल C.O.E ) का डिप्लोमा किया है जिसे भी इन्होंने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है । इन्हें लेखन के प्रति रूचि अपने पिताजी से मिली ..
इनके पिता स्व. रामहरी शिवहरे जी और माता श्री मति ममता शिवहरे जी हैं । इनके पिताजी ने शायरी, ग़ज़ल और अन्य साहित्यिक कृतियों के गायन से इन्हें प्रोत्साहन दिया । बाल्य काल की उम्र से ही महज छठवी कक्षा से ही इन्होंने कविता लिखना शुरू कर दिया था । ऐसे ही इनकी रुचि लेखन के प्रति बढ़ती गई ।
दुर्भाग्यपूर्ण आज इनके पिताजी इनके साथ नहीं हैं पर वह अपने पिता को आज भी बहुत याद करती है । इनके लेखिका बनने का सपना इनके पिता का ही था जो इन्होंने उस सपने को साकार कर दिखाया । और आगे और बड़ी लेखिका बनने के लिए ये अग्रसर है । और ऐसे लेखकों को जो अपनी कविता प्रकाशित करने का सपना संजोए हैं उनके सपनों को साकार करना इनका मुख्य उद्देश्य है । ये हमेशा नए नए लेखक लेखिकाओं को खोजती रहती हैं जिससे ये उनके सपने को पूरा करने में कुछ सहायता कर सके ।इनके
पिता जी के जाने के बाद इनकी मां ने ही इन्हें लेखन के लिए प्रोत्साहित किया और आज भी करती है ।। इनकी पुस्तकें जो कि स्व संपादित एवं स्वरचित है जो कि वैश्विक स्तर पर हर प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।

Book Details

Publisher: SRSD Publication
Number of Pages: 131
Availability: Available for Download (e-book)

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आया सावन सुहाना

आया सावन सुहाना

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