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Bhaktimayi Mahasati Ranabai Harnawa (eBook)

भक्तिमयी महासती रानाबाई हरनावाँ
Type: e-book
Genre: Religion & Spirituality, Biographies & Memoirs
Language: Hindi
Price: ₹0
Available Formats: PDF

Description

पुस्तक "भक्तिमयी महासती रानाबाई हरनावां" में रानाबाई की बचपन से लेकर समाधि लेने तक की जीवन गाथाओं को प्रमाणित किया गया है। इसके अनुसार रानाबाई के पूर्वज जैसलमेर की और से आये।इनका गोत्र धुन था। रानाबाई मीराबाई के समकाल थी। एक समय ऐसा था जब दोनों ही वृन्दावन में थी एवं दोनों ने भगवान श्री कृष्ण का साक्षात्कार किया। भगवान् श्री कृष्ण ने दोनों को अपनी उपस्थिति निरंतर बनाये रखने का आश्वस्त करते हुए दोनों को अपनी एक एक मूर्ति दी।

About the Author

विजय नाहर (जन्म 8 नवम्बर 1942) भारतीय लेखक व इतिहासकार है जो अपनी भारतीय इतिहास एवं राजनेताओं पर लिखी संदर्भ पुस्तकों के लिए जाने जाते है
जन्म : 8 नवंबर, 1942, हरनांवा/लाडनूँ में।
शिक्षा : एम.ए. इतिहास।
कर्मक्षेत्र : 25 वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक; राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद् के संस्थापक संगठन मंत्री; राजस्थान प्रौढ़ शिक्षा संस्थान, जयपुर के संस्थापक संगठन मंत्री; राज्य समाज कल्याण बोर्ड के सदस्य; राज्य प्रौढ़ शिक्षा बोर्ड के सदस्य; भारतीय जनसंघ जोधपुर संभाग के संगठन मंत्री रहे; अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के महामंत्री एवं संगठन मंत्री रहे; श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी मानव हितकारी संघ-शिक्षण संस्थान राणावास के निदेशक रहे; आचार्य तुलसी अमृत महाविद्यालय, गंगापुर भीलवाड़ा के निदेशक रहे। संप्रति मरुधर विद्यापीठ समिति, पाली के अध्यक्ष हैं।
ग्रंथ सूची:
हिन्दुवा सूर्य महाराणा प्रताप(2011)
मृत्युंजय महायोगी आचार्य भिक्षु(2012)
शीलादित्य सम्राट हर्षवर्धन एवं उनका युग(2013)
शिवाम्बु संजीवनी(2013)
युगदृष्टा युगपुरुष आचार्य तुलसी(2013)
ओसवाल नाहर वंश(2014)
सम्राट यशोवर्मन(2014)
स्वर्णिम भारत के स्वप्नद्रष्टा-नरेंद्र मोदी(2014)
सम्राट मिहिर भोज एवम उनका युग(2015)
वसुंधरा राजे और विकसित राजस्थान(2016)
भक्तिमयी महासती रानाबाई हरनावाँ(2016)
आपातकाल के काले दिवस(2016)
सम्राट भोज परमार(2017)
प्रारम्भिक इस्लामिक आक्रमण एवं भारतीय प्रतिरोध(2017)
भारत के आधुनिक ब्रम्हर्षि-पं. दीनदयाल उपाध्याय(2017)
युगपुरुष बप्पारावल(2018)

Book Details

Publisher: Marudhar Vidhyapeeth, Pali
Number of Pages: 39
Availability: Available for Download (e-book)

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