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उर्दू अदब की सबसे चर्चित व विवादित किताब “अंगारे” जो कि 1932 ई० में लखनऊ से प्रकाशित हुई। प्रकाशित होते ही इस किताब पर आपत्तियां लगने लगीं। समाचारपत्रों में इस किताब के विरोध में लेख तथा सम्पादकीय छपने लगे। जगह जगह विरोध प्रदर्शन तथा आन्दोलन होने लगे। कई जगह “अंगारे” की प्रतियाँ जलाई गईं।अदब की दुनिया में हलचल मच गई। आखिर ऐसा क्या था इस किताब में जिसके चलते इतना विरोध हुआ ?
“अंगारे” चार लेखकों की कुल 10 लघु कहानियों का एक संग्रह है। जिसमें समाज में फैली रूढ़िवादिता, महिलाओं का निम्न सामाजिक स्तर तथा धर्म के नाम पर किये जा रहे कृत्यों को बेनिक़ाब किया गया। विरोध का एक मुख्य कारण यह था कि लेखकों ने कहानियों के किरदारों की भाषा व शब्दों के चुनाव को लेकर सहिष्णुता नहीं बरती जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
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