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“भोजपुरी कहावत कोश: लोकजीवन के दर्शन” भोजपुरी लोकबुद्धि, संस्कृति और जीवन-दर्शन का जीवंत दस्तावेज़ है।
इस पुस्तक में सैकड़ों पारंपरिक भोजपुरी कहावतों को उनके
अर्थ, व्याख्या और विश्लेषण सहित श्रेणीवार प्रस्तुत किया गया है।
हर कहावत केवल शब्द नहीं, बल्कि लोकजीवन के अनुभव,
संघर्ष, हँसी और सादगी का सार है।
यह ग्रंथ न केवल भोजपुरी भाषा-प्रेमियों के लिए,
बल्कि भारतीय लोकसंस्कृति के शोधार्थियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए
एक महत्वपूर्ण संदर्भ पुस्तक (Reference Work) सिद्ध होगा।
इस पुस्तक का उद्देश्य भोजपुरी की उस मिट्टी की सुगंध को सहेजना है,
जो हर लोकवाक्य में जीवन का दर्शन समेटे हुए है —
जहाँ बोली में भावना है, और कहावत में अनुभव का ज्ञान।
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