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अनुक्रम
ऐ अंकमे अछि:-
१.१.गजेन्द्र ठाकुर- नूतन अंक सम्पादकीय (पृ. २-५)
१.२.अंक ३८२ पर टिप्पणी (पृ. ६-६)
लक्ष्मण झा 'सागर' विशेषांक
२.१.प्रस्तुत विशेषांकक संदर्भमे (पृ. ९-२४)
२.२.लक्ष्मण झा 'सागर' जी केर संक्षिप्त परिचय (पृ. २५-३८)
२.३.श्रीमती शैल झा 'सागर'जीक किछु रचना (पृ. ३९-४७)
२.४.हितनाथ झा- लक्ष्मण झा 'सागर' (पृ. ४८-४९)
२.५.लक्ष्मण झा 'सागर'- अपन आत्मकथ्य (पृ. ५०-५६)
२.६.चंदना दत्त- आदरणीय लक्ष्मण झा 'सागर' (पृ. ५७-५९)
२.७.विभा रानी-संपर्क-तेलौंस देह पर ज्यों बिछलैत पानि (पृ. ६०-६४)
२.८.जगदीश चन्द्र ठाकुर 'अनिल'- 'सागर'सँ महासागर धरि (पृ. ६५-६९)
२.९.वीरेन्द्र झा- लक्ष्मण झा 'सागर' स्पष्टवादी साहित्यकार (पृ. ७०-७१)
२.१०.नबोनारायण मिश्र- सर्वगुण सम्पन्न सागरजी (पृ. ७२-७७)
२.११.हितनाथ झा- जेना ओ कहलनि (पृ. ७८-८१)
२.१२.विरेन्द्र कुमार झा- लक्ष्मण झा 'सागर' (पृ. ८२-८५)
२.१३.चंद्रेश- पाथरपर दूभि उपजाबैत राग-भावक अन्वेषक लक्ष्मण झा 'सागर' (पृ. ८६-९९)
२.१४.कामेश्वर झा 'कमल'- श्री सागरजीसँ पहिल भेंट, तकर बाद आइ धरि (पृ. १००-१०५)
२.१५.रमेश- सुकाव्यमय सामाजिक व्याख्या: 'उचरि बैसू कौआ' (पृ. १०६-११४)
२.१६.अजित कुमार झा- सागर जी: यथा नाम, तथा काम (पृ. ११५-११८)
२.१७.सुरेन्द्र ठाकुर- सागरजी (पृ. ११९-१२६)
२.१८.प्रेमकांत चौधरी- अतुलनीय व्यक्तित्व: लक्ष्मण झा 'सागर'...
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