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“डेफिनेशन ऑफ लव !”
प्यार सिर्फ कहने का नाम नहीं है। एक दुसरे को समझने और समर्थन देने का नाम है। अगर प्यार में स्वार्थ, लालच, जिश्म की चाह, अविश्वास, हो तो उसे प्यार का नाम कभी नहीं दे सकते।
आज की ये मिरेकल कहानी हमें यही सिखा जाती है। जब-जब आयरा को सपोर्ट की जरुरत थी अर्चिस हमेशा साथ रहा और सात साल बाद जब अर्चिस अपनी जिदंगी से हार गया है तब आयरा उसे जीने की नयी उम्मीद जगाती है।
एक ऐसा प्यार जो कभी बिछडा था ही नहीं। सात साल बाद मिलकर वो दबे हुए एहसासो को जगाते है। वक्त ने उसे ऐसे मोड़ पे लाकर खड़ा कर दिया था जहां अर्चिस नाम का लड़का अपने सारे ख्वाब भूलाकर व्हीलचेयर पर आ गया था, वही अपने आप में खुश रहने वाली आयरा एक थैरेपिस्ट डॉक्टर बनकर अर्चिस का नि:स्वार्थ इलाज करती है।
एक ऐसा प्यार जो कभी खोया नहीं था ! बस पाना बाकी था। एजहार करना बाकी था। फिर मिलकर फिर से प्यार करना था। यही तो मिरेकल है !
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