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28 साल पहले 1995 के फरवरी माह में मैंने ग्वालियर से खजुराहो तक की यात्रा साइकिल से की थी। वापसी में ओरछा और दतिया में भी ठहरा था। कुल-मिलाकर 8 दिनों में 564 किलोमीटर की यह यात्रा थी।
यात्रा के दौरान जो डायरी मैंने लिखी थी, यह वही डायरी है; सिर्फ खजुराहो मन्दिरों और ओरछा के रामराजा मन्दिर के इतिहास की कुछ बातें बाद में जोड़ी गयी हैं।
यह यात्रा मैंने क्यों की थी- इस प्रश्न का सटीक जवाब नहीं है। युवावस्था के दिनों में ऐसे छोटे-मोटे एडवेंचर में भाग लेना शायद स्वाभाविक है।
-जयदीप शेखर
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